सख्त जनसंख्या कानून बनाने की सलाह-अगले माह सौंपा जाएगा मसौदा

जनसंख्या कानून-2021 का मसौदा तैयार करने की बाबत गंभीरता के साथ तेजी से जुटे राज्य विधि आयोग।

Update: 2021-07-30 09:36 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश जनसंख्या कानून-2021 का मसौदा तैयार करने की बाबत गंभीरता के साथ तेजी से जुटे राज्य विधि आयोग को ढेर सारे लोगों द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून बनाने की सलाह दी गई है। मसौदे को लेकर प्राप्त हुए सुझावों के आधार पर आकलन किया जाए तो बहुमत सख्त जनसंख्या कानून के पक्ष में खड़ा दिखाई दे रहा है। बड़ी संख्या में लोगों ने जनसंख्या नियंत्रण के लिये आयोग के प्रस्ताव से भी कहीं अधिक सख्त प्रावधान किये जाने की जरूरत बताई है।

राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या अधिनियम-2021 के प्रस्तावित मसौदे में एक बच्चा पालिसी को ज्यादा प्रोत्साहित करने तथा 2 से अधिक बच्चों वाले माता-पिता को कतिपय सरकारी सुविधाओं से वंचित करने का प्रावधान किया है। राज्य विधि आयोग की ओर से वेबसाइट पर अपलोड किए गए मसौदे पर तकरीबन 8500 सुझाव प्राप्त हुए हैं। 300 के करीब सुझाव जनसंख्या नियंत्रण कानून के विरोध में है। इसके विपरीत 8000 से भी कहीं ज्यादा सुझाव जनसंख्या कानून के पक्ष में आए हैं। जिसमें ऐसे लोगों के सुझाव की संख्या ज्यादा है जो ज्यादा सख्त कानून बनाने के पक्ष में है। बहुत से लोग चाहते हैं कि 2 से ज्यादा बच्चे होने पर संबंधित को आरक्षण से वंचित कर दिया जाए। इसी तरह कई लोगों ने 2 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को मताधिकार से ही वंचित कर दिये जाने का सुझाव दिया है। आयोग ने अपने प्रस्ताव में 2 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को केवल स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ने से रोकने का प्रावधान किया है। जबकि आयोग को प्राप्त हुए लोगों के सुझावों में यह प्रतिबंध विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी लागू किए जाने की अत्यंत जरूरत बताई है। इसी तरह कई लोगों ने 2 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को मुफ्त में राशन एवं अन्य सरकारी सुविधाएं भी नहीं देने का सुझाव दिया है। फिलहाल आयोग सभी प्राप्त हुए सुझावों को श्रेणीवार बांटकर उनके ऊपर विचार विमर्श कर रहा है। जिसमें सुझाव से जुड़े विभिन्न पहलुओं को भी जांच परख कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि कानून का प्रारूप अगस्त माह में प्रदेश सरकार को सौंपा जा सकता है।

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