रिश्वत लेते धरे गए दारोगा को छुड़ाने की कोशिश में 9 निलंबित
एंटी करप्शन की टीम द्वारा रिश्वत लेते समय रंगे हाथ दबोचे गए दरोगा को साथी पुलिसकर्मियों ने छुडाने की हर संभव कोशिश की।
संतकबीर नगर। एंटी करप्शन की टीम द्वारा 10000 रूपये की रिश्वत लेते समय रंगे हाथ दबोचे गए दरोगा को साथी पुलिसकर्मियों ने छुडाने की हर संभव कोशिश की। जगह-जगह बैरीकेडिंग डालकर एंटी करप्शन टीम को पुलिस द्वारा रोका गया। इस मामले की शिकायत पर एसपी ने दो दारोगाओं के अलावा सात अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल एंटी करप्शन की टीम ने मंगलवार को धनघटा से घूसखोर दरोगा को 10000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए दारोगा को लेकर जब एंटी करप्शन की टीम खलीलाबाद कोतवाली जा रही थी तो इसी दौरान मुखलिसपुर व नाथनगर में पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग लगाकर टीम को रोकने का प्रयास किया था। अब अपनी सफाई में पुलिस टीम द्वारा बताया गया है कि एंटी करप्शन टीम ने जब दरोगा को घूस लेते हुए पकड़ा और अपनी गाड़ी में जबरन बैठा लिया। तब उन्हें मोबाइल से सूचना मिली कि बदमाश दारोगा का अपहरण करके भाग रहे हैं। इस तरह की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस टीम ताबड़तोड़ मुखलिसपुर और नाथनगर में एंटी करप्शन टीम को रोकने के प्रयास में लग गई। एंटी करप्शन टीम उक्त दरोगा को लेकर सीधे खलीलाबाद कोतवाली पहुंच गई। एंटी करप्शन टीम की तहरीर पर एसपी डॉक्टर कौस्तुभ ने मामले को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में एसपी डॉक्टर कौस्तुभ ने बताया है कि धनघटा थाने में तैनात एएसआई हरिकेश भारती, पोली चौकी इंचार्ज मनोज कुमार पटेल और महुली थाने में तैनात हेड कांस्टेबल जगदंबा प्रसाद तिवारी, अमरिंदर सिंह बघेल, कांस्टेबल राज किशोर प्रसाद, अजीत कुमार पासवान, रवि कुमार चौरसिया और सत्येंद्र कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। जबकि रिश्वत लेने के मामले में जेल भेजे गए आरोपी दारोगा राम मिलन यादव को भी निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मामले की प्रारंभिक जांच भी शुरू करा दी गई है।