चंबल माता के कलश से 7.60 लाख लीटर जल का होगा प्रवाह

माता की विशाल प्रतिमा तैयार होने का साथ ही और चंबल माता के कलश से होने वाले जल प्रवाह का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया।

Update: 2023-09-07 07:12 GMT

कोटा। राजस्थान के कोटा में विकसित किए गए विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चंबल रिवर फ्रंट का मुख्य आकर्षण चंबल माता की विशाल प्रतिमा तैयार होने का साथ ही चंबल माता के कलश से होने वाले जल प्रवाह का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। अभियंताओं की टीम ने चुनौती पूर्ण एवं अद्भुत कार्य को लगन और मेहनत के साथ अंजाम तक पहुंचाया हैं। इस 242 फीट ऊंची चंबल माता की प्रतिमा के कलश से जल प्रवाह के अद्भुत आकर्षण की थीम को पर्यटक देखकर पर्यटन रोमांचित होने से खुद को रोक नही पाएगे।

करीब आधे घंटे तक चंबल माता के हाथ कलश से जल प्रवाह का टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग से पूर्व विधिवत पूजा अर्चना की गई। उसके बाद बुधवार को रिवरफ्रंट के मुख्य आकर्षण चंबल माता के हाथों के कलश से होने वाले जल प्रवाह का परीक्षण किया गया। प्रतिमा के कलश से होने वाला जल प्रवाह पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इसके लिए हाई, हेड 75 एचपी के चार समरसेबल पंप इंस्टॉल किए गए हैं। टेस्टिंग के दौरान 450 एमएम करीब डेढ़ फीट चौड़े 2 पाइपों के जरिए जल का प्रवाह हुआ। प्रतिमा के कलश से प्रत्येक घंटे में 7 लाख 60 हजार लीटर पानी प्रवाहित होगा जो रिसायकल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा।

हाई, हेड 75 एचपी के 4 समरसेबल पंप जो इंस्टॉल किए गए थे। उनको एक एक करके उनको चलाया गया। 450 एमएम करीब डेढ़ फीट चौड़े 2 पाइपों के जरिए आधुनिक पावरफूल पम्प की सहायता से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचा और कलश से जल प्रवाह हुआ। इस सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद अब जल्द ही चंबल माता की प्रतिमा के आसपास लगे सपोर्टिंग स्ट्रक्चर को हटाया जाएगा। इसके बाद फिर से परीक्षण किया जाएगा। वैसे भी अब चंबल रिवर फ्रंट की तैयारियां अंतिम चरण में है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 सितम्बर को चम्बल रिवरफ्रंट का लोकार्पण करेंगे जिसमें देश की जानी-मानी हस्तियां भाग लेंगी जिनमें कई देशों के राजदूत भी शामिल होंगे।

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