सौ रुपए घूस की 32 साल बाद मिली सजा- 89 वर्ष की उम्र में जाना पड़ा जेल

रिश्वत लेने के मामले में आरोपी रेलवे के हेड क्लर्क को दोषी पाते हुए सीबीआई अदालत ने उसे 1 साल की कैद की सजा सुनाई है।

Update: 2023-02-03 11:41 GMT

लखनऊ। सो रुपए की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी रेलवे के हेड क्लर्क को दोषी पाते हुए सीबीआई अदालत ने उसे 1 साल की कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने दोषी को 1 साल की सजा के साथ 15000 रुपए का जुर्माना भी किया है। 100 रूपए की घूस के इस मामले का फैसला 32 साल बाद आया है। जिसके चलते 89 वर्ष की उम्र में रिश्वत लेने के दोषी को अब जेल जाना पड़ रहा है।

शुक्रवार को सीबीआई के अधिवक्ता के मुताबिक आलमबाग लोको फॉर मैन दफ्तर में तैनात राम तिवारी ने वर्ष 1991 की 6 अगस्त को एसपी सीबीआई से शिकायत की थी कि वह अपनी पेंशन बेचना चाहता था। इसके लिए दोबारा से उसका चिकित्सीय परीक्षण होना था। चिकित्सीय परीक्षण के लिए वह उत्तर रेलवे के अस्पताल में तैनात हेड क्लर्क नारायण वर्मा से वर्ष 1991 की 19 जुलाई को मिला था।

आरोप है कि आर एन वर्मा ने जल्दी मेडिकल कराने के नाम पर उससे 150 रुपए रिश्वत के रूप में मांगे। मेडिकल के लिए दोबारा 5 अगस्त 1991 को रेलवे अस्पताल जब वह गया तो आरएन वर्मा ने कहा कि 150 रुपए नहीं दिए तो काम नहीं होगा। उस समय लोको पायलट रामकुमार ने कलर को 50 रुपए दे दिए और बाकी बचे 2 दिन में देने का वायदा किया। 2 दिन बाद 7 अगस्त को जब वह बाकी के 100 रुपए देने के लिए पहुंचा उसी समय सीबीआई टीम ने आरएन वर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। आरएन वर्मा 31 जुलाई 1994 को सेवानिवृत्त हो चुके थे। रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष होने की वजह से आरोपी की उम्र इस समय 89 वर्ष हो गई है। 

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