किसानों के हितों की रक्षा के लिए इस प्रदेश में बनेगा नया कानून
नए कृषि सुधार और श्रम कानूनों से किसानों एवं श्रमिको के हितों पर पड़ने वाले प्रभाव को रोकने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया है
रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सलाह पर अमल करते हुए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने केन्द्र सरकार के नए कृषि सुधार और श्रम कानूनों से किसानों एवं श्रमिको के हितों पर पड़ने वाले प्रभाव को रोकने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया है।
इस सिलसिले में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय हाईपावर कमेटी की बैठक में केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों गरीबों, मजदूरों और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों और हितों की रक्षा कैसे की जा सकती है। इस संबंध में गहन विचार-विमर्श हुआ।
हाईपावर कमेटी में केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए नए कानूनों से छत्तीसगढ़ के लोगों के हितों की रक्षा के लिए विधानसभा के माध्यम से कानून बनाने पर भी प्रारंभिक चर्चा हुई।श्री चौबे ने कहा कि संविधान में कृषि राज्य सरकार का विषय है।इस पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार का है। उन्होंने कहा कि केन्द्र के कृषि कानून से यदि प्रदेश की धान खरीदी व्यवस्था प्रभावित होती है तो नया कानून बनाकर किसानों के धान खरीदने की व्यवस्था की जाएगी।
इस बैठक में विधि एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत भगत सहित संबंधित विभागों के सचिव भी शामिल हुए।
बैठक में इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा के लिए संविधान के दायरे में रहकर विधि सम्मत कानून बनाया जाए, इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत की जाए।बैठक में केन्द्र सरकार के नए कानूनों से प्रदेश के किसानों, मजदूरों और गरीबों पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा हुई।
बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत व्यापारियों को भण्डारण की क्षमता असीमित किए जाने से गरीब उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों की भी चर्चा हुई।कमेटी के सदस्यों ने उपभोक्ताओं को सुगमता पूर्वक और सही कीमत पर आवश्यक वस्तु उपलब्ध हो, इस पर बल दिया।
बैठक में केन्द्र सरकार के श्रम कानून में बदलाव के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया।कारखाना मालिकों,संस्थाओं द्वारा श्रमिकों के हित में क्या-क्या कार्य किया जाना चाहिए सहित विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की गई।
वार्ता