रवि दहिया हारे-स्वर्ण फिसला-रजत पदक से संतोष-दी कड़ी टक्कर
भारत और रवि दहिया के लिए ओलंपिक का रजत जीतना बड़ी उपलब्धि रही है
नई दिल्ली। टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में प्रतिद्वंदी रूसी पहलवान को कड़ी टक्कर देने के बावजूद भारतीय पहलवान रवि दहिया उनसे मुकाबला नहीं जीत सके। जिसके चलते गोल्ड मेडल के लिए चल रही उनकी जंग चांदी में बदल गई। अब वह स्वर्ण पदक के बजाय चांदी लेकर भारत लौट रहे हैं। भारत और रवि दहिया के लिए ओलंपिक का रजत जीतना बड़ी उपलब्धि रही है।
बृहस्पतिवार की शाम टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों के मुकाबले में रिंग में उतरे भारतीय पहलवान रवि दहिया अपने प्रति़द्वंदी रूस के पहलवान को मात नहीं दे सके हैं। हालाकि मुकाबला हारने से पहले रवि दहिया ने अपने विरोधी को करारी टक्कर दी। भले ही रवि दहिया इस मुकाबले में गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर सके हैं। लेकिन कुश्ती में उन्होंने सुशील कुमार के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। वर्ष 2008 के दौरान बीजिंग में खेले गए ओलंपिक के बाद से ही भारत लगातार कुश्ती में मेडल हासिल कर रहा है। रवि दहिया ने कुश्ती में दूसरा सिल्वर मेडल जीता है। उनसे पहले वर्ष 2012 के दौरान हुए ओलंपिक के फाइनल में पहुंचे पहलवान सुशील कुमार ने यह उपलब्धि हासिल की थी। रवि दहिया को ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है कि रवि कुमार दहिया बेहतरीन पहलवान है। उनकी फाइटिंग स्पिरिट का कोई जवाब नहीं है। उन्हें टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के लिए शुभकामनाएं। भारत को उनकी इस शानदार उपलब्धि पर गर्व है।