2022 IPL नीलमी की तैयारियां
कैपिटल्स के पूर्व कप्तान श्रेयस अय्यर ने नीलामी में जाने का फ़ैसला किया और जिंदल को लगता है कि इस स्थिति को रोका जा सकता था। जिंदल ने ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, "श्रेयस (अय्यर), शिखर (धवन), (कैगिसो ) रबादा, अश्विन को खोना दिल तोड़ने वाला था।
मुंबई। कैपिटल्स के पूर्व कप्तान श्रेयस अय्यर ने नीलामी में जाने का फ़ैसला किया और जिंदल को लगता है कि इस स्थिति को रोका जा सकता था। जिंदल ने ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, "श्रेयस (अय्यर), शिखर (धवन), (कैगिसो ) रबादा, अश्विन को खोना दिल तोड़ने वाला था। बात यह है कि नीलामी की प्रक्रिया इस तरह बनाई गई है और मुझे लगता है कि आगे बढ़ते हुए आईपीएल को इस पर ग़ौर करने की ज़रूरत है। क्योंकि यह उचित नहीं है कि आप एक टीम बनाएं, आप युवाओं को मौक़ा दें, आप उन्हें अपने सेट-अप के माध्यम से तैयार करें। उन्हें अवसर मिलते हैं, वे आपकी फ्रेंचाइज़ी के लिए खेलते हैं, फिर वे जाकर काउंटी या अपने-अपने देशों के लिए खेलते हैं और फिर तीन साल बाद आप उन्हें खो देते हैं।"
कई आईपीएल टीमों के पास अब अपनी अकादमी है। साथ ही एक स्काउटिंग प्रणाली है जो युवा और अनकैप्ड प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ती हैं ताकि उन्हें भविष्य में अपनी टीम में खेलने के लिए तैयार किया जा सकें। मैसूर ने कहा कि इतना सब करने के बाद खिलाड़ियों को नीलामी में भेजने की बजाय रिटेन करवाकर फ़्रेंचाइज़ियों को अपने निवेश का लाभ दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "लीग ने 14 वर्ष पूरे कर लिए है और इस स्तर पर यदि आप मुझसे पूछे तो बड़ी नीलामी अपनी उपयोगिता को पार कर चुकी है। औप आपको स्काउटिंग और अकादमी में निवेश करने वाली फ्रेंचाइज़ी को पुरस्कृत करना होगा। हमने केकेआर अकादमी में निवेश किया है और हमारे पार घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्काउंटिंग संरचना है। कुछ दिन पहले किसी ने मुझे एक नोट भेजा कि 2018 के बाद से हमारे छह अनकैप्ड खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हमें बहुत ख़ुशी होती है कि हम इस संबंध में भी अपना योगदान दे रहे हैं। एक समय था जब बड़ी नीलामी सभी टीमों को एक समान स्तर पर लाने का काम करती थी। हालांकि तब भी हमें ऐसा लग रहा था कि अगर आप टीमों को कुछ खिलाड़ियों को वापस चुनने का अधिकार दे रहे हैं तो वह रिटेंशन द्वारा नहीं बल्कि राइट-टू-मैच (आरटीएम) कार्ड के ज़रिए होना चाहिए।"
जब 2008 में आईपीएल शुरू हुआ तब मूल योजना यह थी कि सभी खिलाड़ी बड़ी नीलामी में वापस जाएंगे। हालांकि 2011 की बड़ी नीलामी से पहले, जब पुणे और कोच्चि के रूप में दो नई टीमें लीग के साथ जुड़ी थी, यह फ़ैसला लिया गया कि आठ पुरानी टीमें चार खिलाड़ियों को बरक़रार रख सकती है। 2014 में दूसरी बड़ी नीलामी से पहले, मैसूर ने आरटीएम पद्धति का सुझाव दिया ताकि टीमें अपने अहम खिलाड़ियों को बरक़रार रख सकें। इसे स्वीकार किया गया और टीमों को दो आरटीएम के साथ चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति दी गई। 2018 की मेगा नीलामी में आठ मौजूदा टीमों को तीन रिटेंशन के दो आरटीएम कार्ड दिए गए थे।