गोल्डन ब्वॉय जसपाल राणा को राजीव गांधी खेल रत्न न मिलने का मलाल
द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए चुने जाने के बाद एक बातचीत में भारतीय जूनियर निशानेबाजी टीम के कोच जसपाल राणा ने कहा
देहरादून । गोल्डन ब्वॉय के नाम से मशहूर जसपाल राणा को आज भी राजीव गांधी खेल रत्न न मिलने का मलाल है। उनका कहना है कि 20 से ज्यादा इंटरनेशनल मेडल जीतने के बावजूद पुरस्कारों की सलेक्शन कमेटी ने उन्हें हमेशा नजरअंदाज किया। मांगकर या लड़कर सम्मान लिया जाए तो उसकी वैल्यू नहीं रहती।
द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए चुने जाने के बाद एक बातचीत में भारतीय जूनियर निशानेबाजी टीम के कोच जसपाल राणा ने कहा कि पिछले वर्ष भी पुरस्कार के लिए उनका नाम उठा था, लेकिन चयन समिति को गलत सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं। बाद में इसी मामले पर सोशल मीडिया में बेकार की बातें भी फैलाई गईं। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ मैं कोर्ट गया। मेरी लड़ाई सिर्फ इतनी है कि कमेटी तक झूठी और गलत बातें किसने व क्यों पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा के विरोध जताने के बाद मुझे लगा कि इस लड़ाई को लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ में आठ गोल्ड समेत इंटरनेशनल लेवल पर कई पदक जीतने के बावजूद मुझे खेल रत्न के काबिल नहीं समझा गया। सम्मान की वैल्यू तब है, जब वो समय पर और सही ढंग से दिया जाए।