लखीमपुर हिंसा मामले से जनता का ध्यान हटाना चाहती है योगी सरकार: जयंत
तिकुनियां पहुँचकर चौधरी जयन्त सिंह ने लखीमपुर हिंसा में मृत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की
लखीमपुर खीरी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान राजनीति के बूते सत्ता के समीकरण अक्सर अपने पक्ष में करने को लेकर मशहूर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह ने मंगलवार को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा के शिकार मृतक किसानो की अंतिम अरदास में हिस्सा लिया।
अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह को बरेली हवाई अड्डे पर कुछ समय के लिये पुलिस प्रशासन ने रोका था मगर बाद में वह सड़क मार्ग से लखीमपुर के लिये रवाना हो गये। रवाना होने से पहले उन्होने कहा " लखीमपुर के किसानों के परिवारों के साथ देश की भावना जुडी हुई है। उनकी अंतिम अरदास में शामिल होने और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए जा रहा हूँ। पुलिस प्रशासन ने मुझे ही नहीं बल्कि दिल्ली से आये तमाम यात्रियों को 55 मिनट से ज्यादा समय तक रोके रखा और परेशान किया।"
तिकुनियां पहुँचकर चौधरी जयन्त सिंह ने लखीमपुर हिंसा में मृत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होने कहा " आज सरकार तानाशाह हो गयी है। सरकार लखीमपुर में हुए नरसंहार से सबका ध्यान हटाना चाहती है। मंत्री खुले आम घूम रहे है, जिन्होंने बार बार झूठ बोला की गाड़ी पलटी ,उसमें किसान मारे गए। गलत बयानबाजी हुई मंत्री द्वारा, वह चाहते है कि केस को किसी तरह दबा दिया जाए। वह खुद गृह राज्य मंत्री है। उनका विभाग उनके बेटे की जांच कैसे कर लेगा। चौधरी जयन्त सिंह ने 302 के मुकदमे होने पर गृह मंत्री बनाने पर भी सवाल उठाते हुए अजय मिश्रा की बखार्स्तगी की मांग की।"
रालोद ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह को पुलिस प्रशासन ने बरेली एयरपोर्ट पर जबरन रोका जिसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना दिया, तब जाकर उन्हे तिकुनिया जाने की अनुमति मिली।
वार्ता