जब विधानसभा चुनाव में मुलायम को दी थी डाकू ने चुनौती

सपा नेता मुलायम सिंह यादव को उनके गढ़ में चुनौती देने के लिये चंबल का एक खूंखार दस्यु सरगना चुनावी रण में उतरा था

Update: 2022-02-17 15:15 GMT

इटावा। वर्ष 1991 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता मुलायम सिंह यादव को उनके गढ़ इटावा के जसवंतनगर में चुनौती देने के लिये चंबल का एक खूंखार दस्यु सरगना चुनावी रण में उतरा था।

जसवंतनगर विधानसभा सीट पर मुलायम को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चंबल के खूंखार डाकू तहसीलदार सिंह को प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनावी हिंसा के कारण इस चुनाव को रद्द कर दिया गया था।

उस समय पत्रकार और आज के नामी वकील मोहिसन अली यूनीवार्ता को बताया कि 15 मार्च 1991 को दस्यु सम्राट एवं भाजपा उम्मीदवार तहसीलदार सिंह ने इटावा कलेक्ट्रेट के एतिहासिक वट वृक्ष के चबूतरे पर बैठकर देश के नामी पत्रकारो को इंटरव्यू दिया था जिसमें उसने राम मंदिर आंदोलन के चलते मुलायम को राक्षस बताकर उन्ही की लंका में हराने का एलान किया था।

मोहसिन ने बताया कि चुनाव में मुलायम के सामने बागी दस्यु सम्राट के अलावा कांग्रेस के टिकट पर बाहुबली दर्शनसिंह यादव थे। चुनाव के दौरान नगला बाबा गांव में मुलायम-दर्शन के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी और गोलीबारी हुयी। बंदूकों और गोलियों की आवाज़ों के बीच ऐसी भगदड़ मच गई थी कि कवरेज के लिए मौजूद पत्रकारों तक को पास के मकानों में घुसकर अपनी जान बचानी पड़ी।

पूरा विधान सभा क्षेत्र सुरक्षाबलों की छावनी के रूप में तब्दील हो चुका था। चुनावी समर में मुलायम ने अपने दोनों बाहुबली प्रतिद्वंदियों को पटखनी देकर जीत हासिल की थी। बाबू दर्शन सिंह ने चुनाव अवैध घोषित किये जाकर दोबारा चुनाव कराने की मांग की थी।

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