सजा पाए विक्रम सैनी का कटेगा नाम और चुनाव प्रचार पर लगेगी रोक!
विधानसभा की सदस्यता से बेदखल किए गए बीजेपी नेता विक्रम सैनी पहले भी मुजफ्फरनगर का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ चुके हैं
मुजफ्फरनगर। वर्ष 2013 के दौरान जनपद मुजफ्फरनगर के जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में हुए दंगे के सिलसिले में बीजेपी एमएलए के सजा पाने की वजह से खतौली विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव लगातार नए नए मुद्दे लेकर सामने आ रहा है। रालोद की ओर से 2 साल की सजा पाने की वजह से विधानसभा की सदस्यता से बेदखल किए गए बीजेपी नेता का अब वोटर लिस्ट से नाम काटने और उनके अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार पर रोक की मांग उठाई गई है।
बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष संदीप मलिक ने जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह को एक चिट्ठी भेजकर खतौली विधानसभा सीट से पूर्व एमएलए विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में सजा होने की वजह से उनका नाम मतदाता सूची से काटने की मांग को उठाया है।
राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष संदीप मलिक का कहना है कि विधानसभा की सदस्यता से बेदखल किए गए बीजेपी नेता विक्रम सैनी पहले भी मुजफ्फरनगर का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ चुके हैं और अब इसी मंशा के साथ वह एक बार फिर से काम कर रहे हैं। क्योंकि उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर इलेक्शन लड़ रही है। इसलिए पत्नी को चुनाव जितवाने के लिए सजा पाए पूर्व एमएलए किसी भी सीमा तक जाकर कानून का उल्लंघन कर सकते हैं और खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे शांतिप्रिय उपचुनाव की फिजा को बिगाड़ सकते हैं। राष्ट्रीय लोकदल ने कानूनी रूप से सजा पाये विक्रम सैनी का नाम मतदाता सूची से हटाकर अविलंब उन्हें मताधिकार से वंचित करने और उन्हे चुनाव क्षेत्र से बाहर करने की मांग उठाई है।