BJP अध्यक्ष पद की कवायद जारी- इस समाज को मिल सकता है पद
स्वतंत्रदेव सिंह को सरकार में मंत्री बनाने के बाद अब संगठन में बड़े बदलाव के लिए भाजपा अपनी तैयारी कर रही है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में समायोजित कर दिए जाने उनके स्थान को भरने की कवायद निरंतर चल रही है। स्वतंत्रदेव सिंह को सरकार में मंत्री बनाने के बाद अब संगठन में बड़े बदलाव के लिए भाजपा अपनी तैयारी कर रही है। इस बार उनकी जगह पर किसी और को संगठन की कमान देने पर विचार हो रहा है। एक व्यक्ति एक पद की नीति पर चलते हुए भाजपा स्वतंत्र देव के विकल्प को तलाश रही है। अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बार बीजेपी द्वारा अध्यक्ष पद की कमान किसी ब्राह्मण नेता को सौंपी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के स्थान पर किसी अन्य विकल्प की पार्टी नेतृत्व द्वारा तलाश की जा रही है। अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर किसी ब्राह्मण नेता को इस पद की कमान सौंपी जा सकती है। पार्टी के एक सीनियर लीडर ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हाईकमान द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है। इस चर्चा का पूरा फोकस किसी ब्राह्मण नेता को ही इस बार अध्यक्ष पद की कमान देने पर है।
बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में फिनहाल योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा का नाम भी चल रहा है। इनके अलावा महामंत्री गोपाल नारायण शुक्ला और पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के नाम की चर्चा भी भाजपा क्षेत्रों में यूपी भाजपा अध्यक्ष के लिये चल रही है। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज की कुल आबादी 10 फ़ीसदी से अधिक है, ऐसे में इस समाज को साधना किसी भी पार्टी के लिए अहम माना जाता है।
मौजूदा विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण समुदाय के 89 प्रतिशत वोट भाजपा को मिले थे। इसलिए भाजपा समर्थन का बदला उसे प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ चुकाना चाहती है।