बीएसएफ मामले पर बुलाया जा सकता है विधानसभा का विशेष सत्र-सीएम
केन्द्र सरकार कहती है कि ड्रोन पचास किमी तक आने जा सकता है ,ऐसे में तो हैलीकाप्टर भी दिल्ली तक जा सकता है।
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने केन्द्र की ओर से सीमा सुरक्षा बल का दायरा बढ़ाये जाने के फैसले पर को गलत बताते हुये सर्वदलीय बैठक बुलाने के अलावा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है।
उन्होंने केन्द्र से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुये कहा है कि राज्य की सहमति के बगैर ऐसे संवेदनशील विषय पर फैसला लेना सरासर गलत है । वैसे भी हम कानून व्यवस्था बनाये रखने में पूरी तरह सक्षम हैं।
उन्होंने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वैसे भी यह राज्य का विषय । केन्द्र का बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का फैसला सही नहीं । हम इसका विरोध करते हैं। यदि जरूरत पड़ी तो इस मामले में सर्वदलीय बैठक भी बुलायी जायेगी ।और इस बार विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलायेंगे ।
उन्होंने विपक्षी दलों से इस संवेदनशील मसले पर भड़काऊ बयानबाजी न करने की अपील करते हुये कहा कि पंजाब सीमावर्ती राज्य है तथा इससे देश की एकता अखंडता प्रभावित होती है। उन्होंने अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल से इस बारे में कोई भड़काऊ बयान न देने का आग्रह करते हुये कहा कि पंजाब आतंकवाद का काला दाैर झेल चुका है जिसमें कितनी जानें गयी थीं और पंजाब विकास की दौड़ में इतना पिछड़ गया कि अब तक उस गेप को भर न सका है। इसके लिये अकाली दल ही जिम्मेदार था
चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मैंने केन्द्रीय गृह मंत्री से मिलकर अपील की थी कि केन्द्र के किसी कदम से पंजाब के भाईचारे को आंच न आये । पंजाब में अमन चैन का माहौल बड़ी मुश्किल से लौटा है। आज लड़ाई संविधान के संघीय ढांचे को बचाने की है तथा पंजाब के अधिकार को बचाने की भी। केन्द्र सरकार कहती है कि ड्रोन पचास किमी तक आने जा सकता है ,ऐसे में तो हैलीकाप्टर भी दिल्ली तक जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मखु से पट्टी तक रेलवे लाइन के लिये जमीन अधिग्रहित की जानी है तथा किसानों को इसकी कीमत जल्द चुकाई जायेगी ।
चरनजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के मामले में इतना ही कहा कि जो भी अट्टारह सूत्री एजेंडा वो उठा रहे हैं ,ये उनका हक है ,उसे अमल में लायेंगे । जहां तक हम दाेनों के बीच संबंधों की बात है तो सब कुछ अच्छा है । मतभेद तो परिवार में होते ही हैं लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिये । सिद्धू पंजाब कांग्रेस संगठन की कमान संभाल रहे हैं और पार्टी मजबूत होगी तो सरकार रहेगी । इसलिये उनकी जिम्मेदारी अहम है।
वार्ता