सपा विधायकों की बैठक शुरू-शिवपाल ने किया किनारा-यह बन सकते है नेता

उत्तर प्रदेश में सत्ता की उम्मीद बनाए बैठी समाजवादी पार्टी को अब सदन के भीतर विपक्ष के तौर पर बैठना पड़ेगा

Update: 2022-03-26 06:44 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्ता की उम्मीद बनाए बैठी समाजवादी पार्टी को अब सदन के भीतर विपक्ष के तौर पर बैठना पड़ेगा। समाजवादी पार्टी द्वारा बुलाई गई अपने विधायकों की बैठक में नेता प्रतिपक्ष का चयन किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुद नेता प्रतिपक्ष जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव इस बैठक में भाग लेने के नहीं पहुंचे हैं।

शनिवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए सदन में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक शुरू हो गई है। आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद करहल विधानसभा सीट से विधायक बने रहने वाले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के खुद प्रतिपक्ष के नेता की जिम्मेदारी निभाने की अटकलें लगाई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बार भाजपा की सरकार को घेरने के लिए सपा मुखिया सड़क से संसद तक कदम उठाएंगे।

उधर पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के विधायकों की इस मीटिंग में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे हैं। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि उन्हें बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, इसलिए वह विधायकों की इस बैठक में नहीं गए हैं।

बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा में खुद विपक्ष के नेता बन सकते हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव पूरी तरह से उत्तर प्रदेश के ऊपर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं इसीलिए उन्होंने सांसद ही पद से इस्तीफा दिया है। उधर पार्टी नेतृत्व का मानना है कि विधानसभा में सपा मुखिया की मौजूदगी से पार्टी के अन्य विधायकों को भी ज्यादा मजबूती मिलेगी।

सपा मुखिया भाजपा सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेर सकते हैं, इसके अलावा आजम खान के जेल में बंद होने तथा पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के चुनाव हार जाने की वजह से फिलहाल समाजवादी पार्टी के पास कोई अन्य बड़ा चेहरा भी नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दिखाई नहीं दे रहा है।

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