जेल से छूटे घाट पर बैठे-वसीम रिजवी की रिहाई बगैर वापसी नहीं-नरसिंहानंद
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद उसी सर्वानंद घाट पर जाकर बैठ गए जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
हरिद्वार। आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जिला कारागार में बंद जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद उसी सर्वानंद घाट पर जाकर बैठ गए जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनका कहना है कि जब तक जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जेल से रिहाई नहीं होती है उस समय तक वह ना तो यहां से हटेंगे और ना ही वापस जाएंगे।
दरअसल हरिद्वार में पिछले साल की 17 से लेकर 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इसमें एक समुदाय को खत्म करने जैसी बातें वक्ताओं की ओर से कथित तौर पर कही गई थी। वर्ष 2021 की 23 दिसंबर को हरिद्वार पुलिस ने नरसिंहानंद गिरि तथा जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद दर्ज की गई एफआईआर में स्वामी धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा पूजा उर्फ शकुनी पांडे तथा सागर सिंधु महाराज के नाम भी पुलिस की ओर से शामिल कर लिये गए थे। इस मामले में इसी वर्ष की 13 जनवरी को पुलिस द्वारा जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी और उसके बाद 16 जनवरी को नरसिंहानंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद नरसिंहानंद गिरि पर एक और मुकदमा कायम करते हुए महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी का आरोप उनके ऊपर लगाया गया था। बृहस्पतिवार 17 फरवरी की शाम जिला न्यायाधीश कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। जमानत पर जेल से छूटते ही नरसिंहानंद गिरी तीर्थ नगरी हरिद्वार के उसी सर्वानंद घाट पर जाकर बैठ गए हैं जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनका कहना है कि जब तक जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जेल से रिहाई नहीं हो जाती है उस समय तक वह ना तो यहां से हटेंगे और ना ही वापस जाएंगे।