समाजवादी MLC शैलेंद्र ने ऐसे ही नहीं छोड़ा पुराना घर
4 बार विधान परिषद सदस्य रहे सुल्तानपुर के शैलेंद्र प्रताप सिंह ने यूँ ही अपना पुराना घर सपा छोड़कर भाजपा का दामन नही थामा
सुलतानपुर। उत्तर-प्रदेश के सुलतानपुर जिले से चार बार विधान परिषद सदस्य रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह ने यूँ ही अपना पुराना घर समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन नही थामा है।
विधान परिषद सदस्य रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह के शुभचिंतकों का कहना है कि अपनी सहनशीलता और सरलता के चलते ही वह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी की उपेक्षा का दंश झेलते रहे। पिछले कई महीने से वह भाजपा में जाने की तैयारी में लगे रहे और आज प्रदेश नेतृत्व के समक्ष भाजपा की सदस्यता ले ली।
सुलतानपुर जिले में पहली बार शैलेंद्र प्रताप सिंह ने 1990 में जनता दल (जनमोर्चा)से विधान परिषद सदस्य चुने गए। अपनी उपलब्धता और सरलता के चलते जिले में एक सामाजिक सेवक के रूप में उभरे। पंचायत प्रतिनिधियों में बहुत अच्छी पहचान व पकड़ बन गयी जिसका फायदा इन्हें वर्ष 1996 व 2003 में हुए विधान परिषद के चुनाव में मिला मगर प्रत्याशी होने के बावजूद उल्लेखनीय सफलता मिली।
इस बीच उन्होंने प्रतापगढ़ में कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह के संपर्क में होने के कारण समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2004 में इन्हें अपनी लोकप्रियता के चलते सपा से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया, जिसमें उन्हें बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के मोहम्मद ताहिर खा ने पराजित कर दिया। शैलेंद्र प्रताप को 1,59,754 वोट मिले थे। वर्ष 2010 में इन्होंने पुनः विधान परिषद का चुनाव लड़ा मगर बसपा की लहर में इन्हें अशोक सिंह से हार का सामना करना पड़ा। 2016 के चुनाव में फिर से विधान परिषद का चुनाव लड़े तो चुनाव जीत गए।
शैलेन्द्र के एक समर्थक ने कहा कि इतने लंबे राजनीतिक कैरियर में इन्होंने पार्टी आकाओं की चरण वंदना नही की और न ही कभी आम नेताओ की तरह यह पार्टी प्रमुखों से अपने समायोजन के लिए सिफारिश ही किया। जिसके चलते यह उपेक्षित होते रहे। लंबे समय से समाजवादी धारा में होने तथा पुराने होने के बाद भी इन्हें कभी मंत्री , चेयरमैन व अन्य समितियो में सदस्य नही बनाया गया, जिसका दर्द उनमें बना रहा।
परिवार और शुभचिन्तकों के दबाव और झकझोरने के बाद उन्होंने भी महसूस किया कि पार्टी ने उनकी उपेक्षा की है। उन्होंने अपना अगला भविष्य भगवा तले ही महसूस कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली और स्पष्ट भी किया है कि वह विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी में नही आये हैं।
इनके भाजपा में आने से सुलतानपुर संगठन को निश्चित मजबूती मिलेगी। इनके साथ भाजपा के पाले में दूबेपुर ब्लॉक प्रमुख और शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहू शिल्पा सिंह भी आ गयी है। अभी बीते पंचायत चुनाव में शिल्पा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी को ही पराजित कर यह सीट जीती है।
वार्ता