राकेश टिकैत को भाकियू किया बाहर- नरेश टिकैत को भी अध्यक्ष पद से हटाया
किसान आंदोलन का एक बड़ा चेहरा रहे चौधरी राकेश टिकैत को आज भारतीय किसान यूनियन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है
लखनऊ। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का एक बड़ा चेहरा रहे चौधरी राकेश टिकैत को आज भारतीय किसान यूनियन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके साथ ही उनके बड़े भाई नरेश टिकैत भी संगठन के अध्यक्ष पद से हटा दिए गए हैं। उनके स्थान पर राजेश चौहान को संगठन की कमान सौंपी गई है। भारतीय किसान यूनियन में किए गए इस फेरबदल से अब चौतरफा हड़कंप मच गया है।
रविवार को भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती पर राजधानी लखनऊ में हुए एक बड़े उलटफेर के अंतर्गत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाते हुए चौधरी नरेश टिकैत को भी अध्यक्ष पद से हटा दिया जा दिया है। बताया जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन से जुड़े चौधरी राकेश टिकैत और टिकैत परिवार से संगठन के कुछ लोग किसान आंदोलन के दौरान से ही नाराज चल रहे थे। जिसके चलते उनके भीतर चौधरी राकेश टिकैत की गतिविधियों को लेकर भारी गुस्सा था।
आज रविवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित किये गये श्रद्धाजंलि कार्यक्रम के बाद प्रेसवार्ता के दौरान चौधरी नरेश टिकैत को उनके पद से हटाते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। भारतीय किसान यूनियन की कमान अब राजेश सिंह चौहान के हाथों में सौंपी गई है। प्रेसवार्ता के दौरान जारी की गई नई कार्यकारिणी के तहत राजेश सिंह मलिक को चेयरमैन एवं संरक्षक बनाया गया है। राजेश सिंह चौहान को अध्यक्ष एवं मांगेराम त्यागी को उपाध्यक्ष पद पर तैनात किया गया है। अनिल तालान संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और धर्मेंद्र मलिक को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है। भारतीय किसान यूनियन के कोष की जिम्मेदारी बिंदु कुमार को सौंपी गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले बीते दिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत को जब भाकियू के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती पर संगठन के दो फाड होने की जानकारी मिली थी तो डैमेज कंट्रोल को सक्रिय होते हुए उन्होंने नाराज नेताओं से संपर्क स्थापित किया था। काफी समय की भागदौड के बाद बताया गया था कि चौधरी राकेश टिकैत डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब हो गए हैं और उन्होंने संगठन को दो फाड होने से बचा लिया है। लेकिन जिस तरह से आज यह बड़ी कार्यवाही हुई है उसके चलते साफ तौर से पता चल रहा है कि राकेश टिकैत संगठन से नाराज हुए गुट को डैमेज कंट्रोल के अंतर्गत मैनेज नहीं कर पाए थे।