राजभर की अखिलेश को नसीहत- धरातल पर काम करने की दी सलाह

उप चुनाव में करारी हार के बाद राजभर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़े किये

Update: 2022-06-29 15:09 GMT

बलिया। सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को अपने गठबंधन के सहयोगी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक के बाद एक, चुनावी शिकस्त पर तीखे तेवर दिखाते हुए नसीहत दी है कि अखिलेश को वातानुकूलित (एसी) कमरों से बाहर निकल कर धरातल पर काम करना चाहिये।

उत्तर प्रदेश की दो लोक सभा सीटों पर हाल ही में हुए उप चुनाव में करारी हार के बाद राजभर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष के गठबंधन को पिछले सभी चुनावों में हार ही मिली है।

राजभर ने बलिया में रसड़ा स्थित सुभासपा केे केन्द्रीय कार्यालय पर संवाददाताओं से कहा कि अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा से 2012 में मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद दो लोकसभा और दो विधान सभा चुनाव सहित अन्य चुनावों में अखिलेश के नेतृत्व में जितने भी चुनाव गठबंधन नेे लड़े, उन सभी में हार ही मिली है। इनमें विधान परिषद चुनाव और उप चुनाव भी शामिल हैं। गौरतलब है कि मार्च में विधान सभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव के बाद इस सप्ताह हुए लोक सभा के उपचुनाव में सपा अपने कब्जे वाली रामपुर और आजमगढ़, दोनाें सीटें हार गयी।

राजभर ने कहा, "अखिलेश को बाप की विरासत के रूप में राजनीति मिली और वह मुलायम सिंह यादव की कृपा से मुख्यमंत्री बने। हकीकत ये है कि अखिलेश ने धरातल पर कोई काम नही किया है।"

राजभर ने सहयोगी दलों की उपेक्षा के सवाल पर आरोप लगाया कि सपा ने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है। उन्होंने कहा, "जिस पार्टी का मुखिया चुनाव प्रचार में न जाये, वो पार्टी क्या चुनाव लड़ेगी। अखिलेश यादव को ए.सी. कमरों से बाहर निकलना चाहिये।"

राजभर ने कहा कि चुनाव का बिगुल बजने के बाद नामांकन के अंतिम दिन पर्चा भरवा के चुनाव जीत जाने की कल्पना करना बेमानी है। इतना ही नहीं राजभर ने भाजपा के 80 सीट जीतने के दावे का दबी जुबान समर्थन भी किया। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष की यही स्थिति रही, तो वे (भाजपा) सच में सभी 80 सीटें जीत जायेंगे। उन्होंने नसीहत भी दी कि यदि अखिलेश और बसपा प्रमुख मायावती दलितों व पिछड़ों का हित चाहते हैं, तो दोनों को मिलकर चुनाव लड़ना चाहिये।

उन्होंने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सुभासपा के 5 सीट पर चुनाव लड़ने के दावे को लेकर कहा कि अखिलेश को सुभासपा को 5 सीट देनी ही पड़ेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सपा 60 सीट पर चुनाव लड़े और 20 सीट सहयोगी दलों को दे।

वार्ता

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