लगाया फ्लेक्स- दी हिदायत और लिखा ओ भाजपा कल आना
जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर मौजूदा एमएलए को दंगे के सिलसिले में मिली 2 साल की सजा की वजह से हो रहे
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर मौजूदा एमएलए को दंगे के सिलसिले में मिली 2 साल की सजा की वजह से हो रहे उपचुनाव में सजा पाए एमएलए द्वारा विकास के काम नहीं किए जाने के इफेक्ट भी अब सामने आने लगे हैं। खतौली विधानसभा सीट के गांव में ग्रामीणों द्वारा लगाया गया फ्लैक्स अब चौतरफा चर्चाएं बटेर रहा है। जिस पर लिखा गया है कि ओ भाजपा कल आना।
जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव का प्रचार अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है। इसी साल की शुरुआत में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए सिटिंग एमएलए विक्रम सैनी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार भी बीजेपी की उम्मीदवार बनाई गई मौजूदा विधायक की पत्नी राजकुमारी सैनी के पक्ष में खतौली में जनसभा कर वापिस जा चुके हैं। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया ने फिलहाल जिले में ही अपने लाव लश्कर के साथ अपना डेरा डाला हुआ है। अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी अपने लिए वोट मांगते हुए घूम रहे हैं। जबकि दो निर्दलीय थक हारकर बीजेपी को अपना समर्थन देकर अपने घर बैठ चुके है।
लेकिन मौजूदा विधायक की बेरूखी की वजह से विकास कार्यों से अभी तक दूर रहे मतदाताओं का दर्द भी अब अंतिम चरण में निकलकर सामने आने लगा है। जनपद मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव मंसूरपुर के ग्रामीणों द्वारा लगाया गया फ्लैक्स अब चौतरफा चर्चाएं बटोर रहा है। क्योंकि ग्रामीणों की ओर से लगाए गए फ्लेक्स पर लिखा गया है कि ओ भाजपा कल आना। यानी ग्रामीणों का मौजूदा विधायक के प्रति गुस्सा इस फ्लेक्स के माध्यम से निकलकर सामने आया है। पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी खतौली विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांव में भाजपा विधायक के विरोध में जिस तरह से ग्रामीणों ने स्वर बुलंद किए थे, उसके चलते उम्मीद थी कि विधायक इस बार विकास कार्य कराने के मामले में सक्रिय होते हुए रूठे मतदाताओं को खुश करने का काम करेंगे। लेकिन तकरीबन 6 महीने के कार्यकाल में जिस तरह से वह लोगों से दूर रहे हैं उसके चलते पता चल रहा है कि मौजूदा विधायक लोगों को अपने से नहीं जोड़ पाए हैं और वह केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बलबूते ही इस बार अपनी पत्नी को विधानसभा तक पहुंचाना चाहते हैं।