ईआरसीपी को लेकर लोगों को किया जा रहा है गुमराह- गहलोत
भारत जोड़ो यात्रा में ईआरसीपी पर बोलने के बाद ये लोग घबरा गये हैं और अब लोगो को भ्रमित करने का प्रयास करने लगे हैं।
सवाईमाधोपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में ईआरसीपी पर बोलने के बाद ये लोग घबरा गये हैं और अब लोगो को भ्रमित करने का प्रयास करने लगे हैं।
गहलोत आज भारत जोड़ो यात्रा के दोपहर विश्राम के दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा किराहुल गांधी ने परसों ईआरसीपी पर बोला हैं और इसके बाद कल शेखावत ने जयपुर में ईआरसीपी को लेकर बोले हैं जो वह पहले से ही यह बात बोलते आ रहे हैं और अब लोगों को केवल भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने ईआरसीपी को बहुत बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि इन लोगों को लग रहा है कि ईआरसीपी वाले तेरह जिलों में इस मुद्दे का प्रभाव पड़ेगा, इसलिए ये लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं कि इन जिलों में उनके खिलाफ मुद्दा नहीं बने। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी बहुत बड़ा मुद्दा है और ये लोग आगामी चुनाव में इन तेरह जिलों में साफ हो जायेंगे। उन्होंने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शेखावत जो राजस्थान से केन्द्र में मंत्री हैं और प्रदेश से 25 सांसद होने के बावजूद राष्ट्रीय परियोजना को घोषित नहीं करा सके है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो बार ईआरसीपी को लेकर अजमेर एवं जयपुर में बयान दे चुके है, इसके बावजूद वह ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के प्रति कोई रुचि नहीं ले रहे हैं जबकि प्रदेश में तेरह जिलों में पेयजल संकट है। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने साढ़े नौ हजार करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया लेकिन केन्द्र से पत्र आ गया कि काम बंद कर दो लेकिन हम इस काम को जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा "लोग इस तरह की चर्चा करते है कि वर्ष 2024 के बाद मोदीजी चुनाव कराएंगे या नहीं। अगर ऐसा माहौल भी है तो मुझे विश्वास हैं कि देश की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। लोकतंत्र के कारण मोदीजी का सम्मान होता है। देश में अभी माहौल तनाव एवं हिंसा का है जो खतरनाक माहौल है, इसलिए जिन मुद्दों को लेकर श्री राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे है वह चल पड़ी है। मुख्यमंत्री ने राजस्थान मॉडल की चर्चा करते हुए कहा कि मोदीजी का कोई मॉडल था नहीं नहीं, मॉडल तो हमारा है, देश ही नहीं पूरी दुनियां में इस तरह का कहीं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने गत चार साल में जो फैसले किए है वे हिन्दुस्तान में कहीं नहीं हुए, एक के बाद एक अच्छे फैसले किए गए जिनकी देश में चर्चा भी हुई। जिनमें महंगाई के दौर चिरंजीवी योजना तो लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं, इसी तरह इंदिरा रसोई, उड़ान योजना अंग्रेजी स्कूल खोलना आदि शामिल हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सत्ता में जरुर है लेकिन इनकी प्रगति की कोई सोच नहीं हैं, धर्म के नाम सत्ता में आ गए है जो अलग बात है, लोकतंत्र एवं सिद्धांत से राजनीति करना अलग बात है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी यात्रा में कह रहे हैं कि प्रिंसीपल, पॉलिसी एवं प्रोगाम बनाओं और संविधान की रक्षा करो।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का कर्ज भी माफ किया और एक हजार रुपए किसानों को सहायता दी जा रही है इसलिए आठ लाख किसानों का बिजली का बिल माफ हो गया। इसी तरह पयर्टन के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाये गए है और पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। इससे होटलों एवं पर्यटन से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचा है। संविदाकर्मियों स्थाई करने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार 15 हजार बच्चों को फ्री कोचिंग करा रही हैं, इनमें कई बच्चे राहुल गांधी से मिले है। कोरोना काल में मृत्यु होने पर सरकार ने जो पैकेज दिए है वह अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलता। इस तरह राज्य सरकार कई क्रांतिकारी कदम उठाये हैं। गहलोत ने कहा कि पिछले साल किसानों का अलग से बजट आया है और इस बार बजट में युवाओं, छात्राओं एवं बच्चों के लिए प्राथमिकता दी जायेगी। सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि राज्य सरकार के पांच कार्यक्रम ऐसे हैं जिन्हें पूरे देश में लागू करना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि वह गैर भाजपा दलों की राज्य सरकारों के साथ कोई भेदभाव नहीं करते और उनकी सुनते हैं। यह बात सरासर गलत है। राजस्थान की महत्वपूर्ण योजना ईआरसीपी को केंद्र ने अटका रखा है और इस पर राजस्थान के साथ जानबूझकर भेदभाव किया जा रहा है। ईआरसीपी का मामला चार साल से लंबित हैं और केन्द्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया है, ये दावा तो करते है लेकिन वह गलत साबित हुआ है। उन्होंने कहा अब पीएम का मतलब प्राइम मिनिस्टर नहीं रह गया है। पीएम का मतलब अब पैकेजिंग एंड मार्केटिंग हो गया है। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पर संसद में कई बार मुद्दा उठा लेकिन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत इस पर चूप है। रमेश ने राजस्थान सरकार की चिरंजीवी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत लोग चिरंजीवी योजना से कवर है जो किसी राज्य में नहीं है। कर्नाटक, केरल आदि में मुश्किल 40 प्रतिशत कवर हुआ है।nराजस्थान चिरंजीवी योजना सभी परिवारों के लिए अस्पताल में आईपीडी औरओपीडी दोनों के लिए हैं।