मुद्दे से भटकते विपक्षी नेता

संविधान निर्माताओं ने इसीलिए विपक्ष को सरकार का विरोध करने का अधिकार दिया।

Update: 2022-08-02 04:15 GMT

लखनऊ। लोकतंत्र में सत्तापक्ष के साथ विपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संविधान निर्माताओं ने इसीलिए विपक्ष को सरकार का विरोध करने का अधिकार दिया है। इस समय संसद में विपक्षी दलों ने सरकार को महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दे पर घेर रखा था और निश्चित रूप से सरकार बैकफुट पर थी क्योंकि मोदी-मोदी का नारा लगाने वाले भी रसोई गैस का सिलेंडर जब एक हजार रुपये में लेते हैं तो तिलमिला जाते हैं। जनता को विपक्ष की यह भूमिका पसंद आ रही थी लेकिन इसी बीच अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू को लेकर अशोभनीय बात कह दी। हालांकि चौधरी ने माफी मांग ली लेकिन सत्तापक्ष को महंगाई जैसे मुद्दे से बचने का मौका मिल गया। थोड़ी बहुत कसर बाकी थी तो उसे पवन खेड़ा और जयराम रमेश जैसे नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर अवैध ढंग से बार का लाइसेंस लेने का आरोप लगातार पूरी कर दी है। स्मृति ईरानी इसको लेकर कोर्ट चली गयीं और कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को ट्वीट हटाने का निर्देश दिया। विपक्ष असल मुद्दे से भटक गया तो सत्तापक्ष के लोग पिकनिक मूड में आ गये और निलंबित, विपक्षी सांसदों पर धरने से दौरान चिकन खाने का आरोप लगाया। सांसद महुआ मोइत्रा अब महंगाई का मुद्दा उछालने की जगह चिकन खाने पर जवाब दे रही हैं।

कांग्रेस ने गोवा के एक बार को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के परिवार पर आरोप लगाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इरानी की बेटी गोवा में गैरकानूनी ढंग से एक बार चला रही हैं। कांग्रेस का दावा था कि इरानी की बेटी ने अपने 'सिली सोल्स कैफे ऐंड बार' के लिए फर्जी दस्तावेज देकर बार लाइसेंस जारी करवाए। कांग्रेस की ओर से मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह आरोप लगाए। तिलमिलाई स्मृति इरानी ने भी अपनी बेटी के बचाव में पत्रकार वार्ता कर कोर्ट में जाने की बात कही।

सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी से पूरे कांड का पर्दाफाश हुआ। स्मृति इरानी, को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की गयी। इस पर स्मृति ईरानी ने कहा। नेशनल हेरल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 5,000 करोड़ रुपये की लूट पर मेरे मुखर रुख के चलते मेरी बेटी को ऐसे झूठे केस में फंसाया जा रहा।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से दायर मानहानि के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को तुरंत ट्वीट हटाने को कहा। बार लाइसेंस विवाद के आरोपों पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्वीट को तुरंत हटाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर 24 घंटे के भीतर ट्वीट नहीं हटाया गया तो सोशल मीडिया कंपनी अपनी ओर से ट्वीट हटाएं। दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित बार और रेस्तरां लाइसेंस विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, जयराम रमेश और नेटा डिसूजा के खिलाफ स्मृति ईरानी मानहानि मामले में समन जारी किया है। केंद्रीय मंत्री ने दो करोड़ रुपये की मानहानि के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में सिविल सूट दाखिल किया है। मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेताओं-जयराम रमेश और पवन खेड़ा को कानूनी नोटिस भेजकर कहा था कि वे उन पर तथा उनकी बेटी पर लगाए गए निराधार और झूठे आरोपों के लिए माफी मांगें। ईरानी ने यह कदम कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद उठाया है। रमेश और खेड़ा ने ईरानी की 18 वर्षीय बेटी जोइश ईरानी पर गोवा में अवैध रूप से बार चलाने का आरोप लगाया था।

कानूनी नोटिस में कहा गया है कि अगर कांग्रेस नेता बिना शर्त और स्पष्ट रूप से माफी नहीं मांगते हैं तथा अपने आरोप वापस नहीं लेते हैं, तो ईरानी उनके खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करेंगी। ईरानी द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं ने मंत्री की युवा बेटी पर हमला किया, जो विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। नोटिस में कहा गया है कि जोइश ईरानी ने कभी भी कोई बार या कोई व्यावसायिक उद्यम चलाने के लिए किसी लाइसेंस के वास्ते आवेदन नहीं किया है।

उधर, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने 29 जुलाई को बीजेपी को धरना दे रहे कांग्रेस सांसदों द्वारा चिकन खाए जाने का मुद्दा उठाने को लेकर घेरा। दरअसल, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया था कि संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दे रहे कांग्रेस सांसदों ने तंदूरी चिकन खाया। इस बात पर निशाना साधते हुए महुआ ने पूनावाला को भाड़े पर लाया मददगार बताया। महुआ ने ट्वीट किया, बीजेपी ने भाड़े पर मददगार बुलाया ताकि निलंबित सांसदों ने क्या खाया उस पर कमेंट किया जा सके। सिली सोल्स, क्या आप ये नहीं जानते कि आपके स्वामी जीभ और गाल दोनों की सेवा करते हैं। बता दें कि सिली सोल्स भी उस प्रतिष्ठान का नाम है, जिसे स्मृति ईरानी की बेटी से जोड़ा जा रहा है। इसी पर कांग्रेस ने अवैध बार होने का आरोप लगाया है। रेस्तरां की एक वीडियो के समीक्षा के बाद विपक्षी नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल ही में ईरानी पर निशाना साधा था, और पार्टी के पाखंड पर सवाल उठाया। चूंकि उक्त वीडियो में ईरानी की बेटी होटल में विभिन्न मांस व्यंजन परोसे जाने की बात कह रही थीं।

पूनावाला ने कहा था, रिपोर्टों के अनुसार, संसद में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ निलंबित सांसदों ने तंदूरी चिकन खाया। सभी जानते हैं कि गांधी जी के जानवरों के वध पर कट्टर विचार थे। कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह एक विरोध था या एक तमाशा और एक पिकनिक था। इधर, तृणमूल नेता सुष्मिता देव ने पूनावाला पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी विपक्ष की एकजुटता से डरी हुई है। उन्होंने कहा, बंद दरवाजों के पीछे, आरएसएस के लोग और नेता सब कुछ खाते हैं। इसलिए, हमारे भोजन पर कोई टिप्पणी न करें। वे यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि खाना हमारे घर से नहीं, बल्कि अन्य सांसदों द्वारा लाया जा रहा है। वे डरते हैं इस एकजुटता से। वहीं, नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अन्य वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा कि यह टिप्पणी बीजेपी की असहिष्णुता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, कुछ लोग लंच में रोटी खाते हैं, हमारे पास फिश करी और चावल या चिकन है। इसमें गलत क्या है? हमें जो चाहिए वो खाने का अधिकार है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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