मुजफ्फरनगर में कांवड़ रुट पर पुलिस की एडवाइजरी पर भड़का विपक्ष

पुलिस के फरमान पर विपक्षी दलों ने प्रहार करते हुये कहा कि BJP सामाजिक सद्भाभ को नुकसान पहुंचाने के बहाने ढूढती रहती है

Update: 2024-07-18 13:41 GMT

लखनऊ। कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान पर विपक्षी दलों ने प्रहार करते हुये कहा है कि सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सामाजिक सद्भाभ को नुकसान पहुंचाने के बहाने ढूढती रहती है।

दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा शुरु होने से पहले रुट पर पड़ने वाले ठेले ढाबे वालों को अपना नाम लिखने का सुझाव दिया है। पुलिस की एडवाइजरी में बताया गया कि यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों, ढाबों और ठेलों पर विक्रेता का नाम लिखना जरूरी होगा। इस मामले में एतराज जताने के बाद में पुलिस ने एक और निर्देश जारी कर बताया कि होटल, ढाबों के मालिक अपनी ‘इच्छा’ से अपना नाम और रेट कार्ड दुकान के बाहर लगा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि कई बार रेट और धर्म को लेकर कांवड़ियों में लड़ाई हुई है. जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया था। उधर, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पुलिस के इस कृत्य को सरकार के इशारे पर की गयी कार्रवाई करार दिया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का वह कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा का उद्देश्य समाज को बांटना और परस्पर सौहार्द को क्षति पहुंचाना होता है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया “ पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।”

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से कांवड़ियों के गुज़रने वाले रास्ते पर हर खाने-पीने की दुकान या ठेले वाले को अपना नाम का बोर्ड लगाने के आदेश की हम मज़म्मत करते हैं। इसलिए मज़म्मत करते हैं क्योंकि ये संविधान के धारा 17 के खिलाफ है। 

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