महंगाई की नही फिक्र-उज्जवला योजना की रीलॉन्चिंग केवल चुनावी छुनछुना-प्रियंका
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर किए ट्वीट में कहा है
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार की ओर से दोबारा आरंभ की गई उज्जवला योजना को चुनावी छुनछुना करार दिया है। उज्जवला योजना की रीलॉन्चिंग को विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने वाली कवायद बताते हुए उन्होंने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को लेकर जरा भी ईमानदार हैं तो सरकार की ओर से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देते हुए महंगाई को कम करना चाहिए ताकि गरीबों के घरों में भी चूल्हे जल सके और परिवार के लोग भूखे पेट ना सो सकें।
बुधवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर किए ट्वीट में कहा है कि अगर उज्ज्वला योजना को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जरा सी भी ईमानदार है तो गैस सिलेंडरों पर समाप्त की गई सब्सिडी देते हुए महंगाई को कम करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने उज्ज्वला योजना की रीलॉन्चिंग को आगामी वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की कवायद बताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से उज्जवला की पहली योजना के दौरान गरीबों को दिए गए 90 प्रतिशत गैस सिलेंडर घरों में धूल खा रहे हैं। क्योंकि गैस सिलेंडर के दाम इतने ऊंचे हो चुके हैं जिन्हें दोबारा से रिफिलिंग कराना गरीबों के बलबूते नहीं रह गया है। भारी भरकम पैसों के अभाव में गैस सिलेंडर खाली होने की वजह से महिलाएं लकड़ी या कंडो के सहारे चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर है। क्योंकि भाजपा सरकार ने 7 वर्ष के भीतर गैस सिलेंडर के दाम दोगुने कर दिए हैं और सब्सिडी को घटाकर ना के बराबर कर दी है। उन्होंने कहा है कि आज गैस सिलेंडरों के अलावा डीजल व पेट्रोल के साथ विभिन्न खाद्य तेलों के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। आवश्यक वस्तुओं के दामों में निरंतर हो रही बढ़ोतरी लोगों को भूखे पेट सोने को मजबूर कर रही है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार देश में रोजाना बढती महंगाई और अन्य समस्याओं की बाबत पूरी तरह से आंख मूंदकर बैठी हुई है। ऐसे हालातों में उज्जवला योजना की रीलॉन्चिंग से लाभान्वित होने वाले लोग महंगाई के चलते किस तरह से दोबारा से सिलेंडर रिफिलिंग करा सकेंगे यह शायद सरकार को दिखाई नहीं दे रहा है।