कृषि कानूनों को वापस लेने पर कंगना नाखुश बताया जिहादी राष्ट्र
अभिनेत्री कंगना रनौत ने नाखुशी कृषि कानूनों की वापसी दुखद और शर्मनाक है। मोदी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सवेरे के समय नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के ऐलान पर पदमश्री बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपनी नाखुशी जताते हुए कहा है कि कृषि कानूनों की वापसी दुखद और शर्मनाक है। मोदी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है।
शुक्रवार की सवेरे गुरु नानक देव जी महाराज के प्रकाशपर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 3 नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के ऐलान पर सरकार की ओर से पदमश्री की उपाधि से पिछले दिनों सम्मानित की गई बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पूरी तरह से नाखुश नजर आई है। नए कृषि कानूनों की वापसी को दुखद एवं शर्मनाक बताते हुए कंगना रनौत ने कहा है कि मोदी सरकार की ओर से लिया गया यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है। बॉलीवुड अभिनेत्री यहीं पर ही नहीं रुकी बल्कि उन्होंने कहा है कि अगर संसद में चुनी हुई सरकार के बदले सड़कों पर उतरे लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया है तो यह एक जिहादी राष्ट्र है। कंगना रनौत ने उन सभी लोगों को बधाई दी है जो कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आज सवेरे राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन में कहा है कि नए कृषि कानूनों के संबंध में हम किसानों को समझाने मैं कामयाब नहीं हुए हैं। हमारी तपस्या में ही कमी रही है, जिसकी वजह से हमें नई कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार 3 नए कृषि कानूनों के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकामयाब रही है। उन्होंने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण करना था। प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा है कि देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने ,इसका स्वागत किया, समर्थन किया, आज मैं उन सभी का बहुत आभारी हूं।