वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान को भारत का 'परम मित्र' बताते हुए गुरुवार को यहां कहा कि उसने काशी को 'रुद्राक्ष' कन्वेंशन सेंटर के तौर 'प्रेम की एक माला' उपहार स्वरूप भेंट की है जो दोनों देशों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक वैभव को आधुनिकता के साथ पूरे विश्व में पहुंचाने में अहम भूमिका निभायेगा।
नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 1583 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास के अवसर पर कहा, "स्ट्रैटजिक एरिया हो या इकोनॉमिक एरिया, जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है। हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे नेचुरल पार्टनरशिप में से एक माना जाता है। दोनों की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए।"
जापान के सहयोग से करीब 200 करोड़ रुपये की लागत वाले वाराणसी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर 'रुद्राक्ष' सभागार में आयोजित प्रथम समारोह को संबोधित करते श्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री शुगा योशीहिदे तथा पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "भारत के प्रति उनके इस अपनेपन के लिए हर एक देशवासी उनका आभारी है।"
नरेंद्र मोदी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री आबे जब काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई। वर्तमान प्रधानमंत्री श्री शुगा उस समय चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी थे। तब से लेकर उनकी अहम भूमिका रही तथा वे इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज के इस आयोजन में एक और व्यक्ति हैं, जिनका नाम लेना मैं भूल नहीं सकता। जापान के ही मेरे एक और मित्र- शिंजो आबे जी। मुझे याद है, शिंजो आबे जी जब प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई थी।"
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'कोरोना काल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही। विकास के ये आयाम, ये 'इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष' आज इसी रचनात्मकता का, इसी गतिशीलता का परिणाम है।"
उन्होंने शहर के सिगरा में शिवलिंग आकार के बने इस रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को हर प्रकार के स्थानीय कला एवं संगीत को दुनिया भर में पहुंचाने का एक माध्यम बताते हुए कहा, "बनारस के तो रोम-रोम से गीत संगीत और कला झरती है। यहाँ गंगा के घाटों पर कितनी ही कलाएं विकसित हुई है, ज्ञान शिखर तक पहुंचा है और मानवता से जुड़े कितने गंभीर चिंतन हुए हैं।" आधुनिक सुविधाएं सुलभ होने से बनारस गीत-संगीत का, धर्म-अध्यात्म का और ज्ञान-विज्ञान का एक बहुत बड़ा वैश्विक केन्द्र बन सकता है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सात सालों में इतनी सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रृंगार हो रहा है, तो ये श्रृंगार बिना 'रुद्राक्ष' के कैसे पूरा हो सकता था। अब जब ये रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है, तो काशी का विकास और ज्यादा चमकेगा, और ज्यादा काशी की शोभा बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने भारतीय एवं जापानी कला से सुसज्जित नवनिर्मित 'रुद्राक्ष' भवन का उद्घाटन करने से पहले यहां पौधारोपण किया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा जापान के भारत में राजदूत सुजुकी सातोशी एवं उनके कई सहयोगी अधिकारी मौजूद थे।
कन्वेंशन सेंटर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जुलाई 2018 को किया था। इससे पहले उनके प्रयास से वर्ष 2014 के अगस्त माह में काशी-क्योटो पार्टनरशिप समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। इसी के तहत इस कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया गया है। करीब तीन एकड़ जमीन पर बने इस आधुनिक भवन की डिजाइन से लेकर निर्माण कार्य, जापानी विशेषज्ञों की देखरेख में संपन्न हुए हैं। इसके सभागार में एक साथ 1200 लोगों बैठने तथा 120 कारों की पार्किंग समेत कई आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इसका इस्तेमाल कला-संस्कृति के अलावा सामाजिक एवं व्यापारिक गतिविधियों बढ़ावा देने में मददगार हो सकते हैं। इस भवन के निर्माण के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने ऑफिसियल डेवलमेंट स्कीम के तहत भारत को करीब 200 करोड़ रुपये मुहैया किरायी थी।
वार्ता