पालिका चुनाव में पुराने रिश्तो के चलते कई सपा नेता बन सकते हैं जयचंद

बताया जाता है कि इसकी नींव ईद के दिन ईद की बधाई के दौरान पड़ चुकी है।;

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Update: 2023-04-30 05:07 GMT
पालिका चुनाव में पुराने रिश्तो के चलते कई सपा नेता बन सकते हैं जयचंद
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मुजफ्फरनगर। मुज़फ़्फ़रनगर पालिका परिषद के चेयरपर्सन के चुनाव में कई समाजवादी पार्टी के नेता जयचंद बनकर पार्टी प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सपाई से भाजपाई बने गौरव स्वरूप और उनके परिवार से निजी रिश्तो के कारण इसकी संभावना जताई जा रही है। बताया जाता है कि इसकी नींव ईद के दिन ईद की बधाई के दौरान पड़ चुकी है।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए कई समाजवादी पार्टी के नेता टिकट मांग रहे थे। ऐसे में मुजफ्फरनगर में जातीय समीकरण को देखते हुए इस बार समाजवादी पार्टी ने राकेश शर्मा पर दांव लगाया। महिला सीट होने के कारण इस सीट पर राकेश शर्मा की पत्नी लवली शर्मा चेयरपर्सन पद की प्रत्याशी बन गई। बताया जाता है इधर भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए गौरव स्वरूप की पत्नी को टिकट दे दिया।

नामांकन के बाद से मुजफ्फरनगर शहर नगर पालिका परिषद के चेयरपर्सन के चुनाव में भाजपा और सपा की आमने-सामने की टक्कर है। बेहद भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के अपने पुराने ताल्लुक के बहाने मुस्लिम वोटों में सेंध लगाने की कोशिश में है। बताया जाता है कि ईद के बहाने गौरव स्वरूप और बंटी स्वरूप कई समाजवादी पार्टी नेताओं के घर ईद की बधाई देने पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि ईद की बधाई के दौरान गौरव स्वरूप और बंटी स्वरूप ने पुराने रिश्तो का हवाला देते हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए समर्थन मांगा।

बताया जाता है कि 2022 में भी जब राकेश शर्मा टिकट मांग रहे थे तब समाजवादी पार्टी के बड़े नेता कहे जाने वाले तत्कालीन पदाधिकारी ने बंटी स्वरूप को टिकट दिला दिया था। सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी का यह धड़ा पूर्व में पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी शहर सीट पर इसी धड़े ने बंटी स्वरूप का टिकट कराया था। बताया जाता है कि यह धड़ा इसलिए भी नाराज है क्योंकि संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर इस बार इन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं देते हुए इस बार पार्टी हाईकमान ने मुजफ्फरनगर में जातीय समीकरण के आधार पर मनोनयन किया है। सूत्रों का कहना है कि इस झगड़े का नेतृत्व समाजवादी पार्टी के वह नेता कर रहे हैं जो राकेश शर्मा से व्यक्तिगत खुन्नस रखते हैं। बताया जाता है कि इसी नेता के स्वरूप फैमिली के प्रति स्नेह के चलते 2022 में बंटी स्वरूप का टिकट हुआ था जबकि उस समय भी राकेश शर्मा टिकट के प्रबल दावेदार थे। इसी धड़े से जुड़े लोगों ने चुनाव के दौरान अपने और स्वरूप फैमली के ख़ास नेताओं से पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल करा कर चुनाव की दिशा मोड़ने की भी कोशिश की है । अब देखना यह होगा कि समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी को उन्हीं की पार्टी के जयचंद कितना नुकसान पहुंचाते हैं और भाजपा के प्रत्याशी को कितना फायदा यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं की जयचंद वाली भूमिका पर कड़ी नजर है ।

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