गुर्जर आंदोलन- सरकार ने लगाई रासुका

जिलों में रासुका तीन महीनों के लिए लगाया गया हैं। इसके तहत एक साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान हैं।

Update: 2020-10-31 08:27 GMT

जयपुर। राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर एक नवंबर से गुर्जर आंदोलन के मद्देनजर राज्य सरकार ने भरतपुर, सवाईमाधोपुर करौली सहित आधा दर्जन से अधिक जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं। आंदोलन के मद्देनजर भरतपुर, धौलपुर. दौसा टोंक, बूंदी, सवाईमाधोपुर, झालावाड़ करौली जिले में रासुका लगाया गया हैं। इन जिलों में रासुका तीन महीनों के लिए लगाया गया हैं। इसके तहत एक साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान हैं।

उधर गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की सरकार के साथ बातचीत चल रही हैं। गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने बताया कि 41 गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की जयपुर में सरकार द्वारा गठित समिति एवं संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही हैं।

आरक्षण सहित अन्य मांगें नहीं माने जाने पर रविवार को गुर्जर भरतपुर के पीलूपुरा में पड़ाव डालकर आंदोलन शुरु करने के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन एवं पुलिस पहले से सतर्क है और गुर्जर बहुल दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर और भरतपुर में शुक्रवार शाम से ही इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं। यह पाबंदी शनिवार मध्य रात तक लागू रहेगी। पुलिस ने आंदोलन के मद्देनजर स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग बलों की डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियां इन जिलों में भेजी गई हैं।

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