संसद में गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार: विपक्ष
विपक्षी दलों के नेताओ ने कहा कि उन्होंने पेगासस मामले में सरकार से जवाब देने की मांग की
नई दिल्ली। विपक्ष के 19 दलों के नेताओं की शुक्रवार को यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें संसद के मानसून सत्र में गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी निंदा की गई।
बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने यहां जारी एक बयान में कहा कि सरकार के अड़ियल रुख के कारण संसद की सुचारू कार्यवाही नहीं हुई और जनता के मुद्दों को सदन में नहीं उठाया जा सका।
विपक्षी दलों के नेताओ ने कहा कि उन्होंने पेगासस मामले में सरकार से जवाब देने की मांग की। कृषि संबंधित तीनों कानूनों को खत्म करने और कोविड-19 टीके के वितरण के प्रबंधन को बेहतर बनाने, महंगाई तथा बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन सरकार ने जानबूझकर जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया है। विपक्ष के लोगों के साथ संसद में बदसलूकी हुई है ।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र को संबोधित करने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि उन्होंने अपने भाषण में जनता के किसी भी मुद्दे को महत्व नही दिया है और जो बातें उन्होंने पिछले दो साल के दौरान लाल किले की प्राचीर से कही उन्ही बातों को इस बार दोहराया गया है। देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है और महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है लेकिन इस सब मुद्दों पर नरेंद्र मोदी ने एक शब्द नहीं कहा।
बैठक में 19 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया जिनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में समाजवादी पार्टी के किसी प्रतिनिधि ने हिस्सा नहीं लिया लेकिन बयान में कहा गया है कि सपा नेता अखिलेश यादव ने व्यस्तता के कारण बैठक में हिस्सा नहीं लिया है और इस बारे में उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र भी भेजा है। इन नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपने साझा बयान को श्री यादव को भेज दिया है।
जारी वार्ता