किसान आंदोलन-30 अफसरों की तैनाती-पुलिसकर्मियों की छुट्टियां बंद
जब से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की शुरुआत हुई है उसी समय से प्रवीण कुमार प्रमुख किसान नेताओं के संपर्क में है
गाजियाबाद। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की वारदात के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से चार कार्यक्रमों के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से चौकस हो गई है। सरकार की ओर से किसी भी तरह की अनहोनी को थामने के लिए उत्तर प्रदेश के 13 जनपदों में 20 पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। तैनात किए गए अधिकारियों को 20 जिलों में अगले आदेश तक काम करने के लिए कहा गया है। लखीमपुर खीरी में इसके अलावा 10 अधिकारी अलग से लगाए गए हैं। प्रदेश भर में 18 अक्टूबर तक पुलिसकर्मियों की छुट्टी पर पाबंदी लगा दी गई है।
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि 12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में शहीद किसानों की अंतिम अरदास होगी। इसके बाद यहां से 5 शहीदों के अस्थि कलश पूरे देश में भेजे जाएंगे। आगामी 15 अक्टूबर को देशभर में मोदी-शाह के पुतले जलाए जाएंगे। 18 अक्टूबर को 6 घंटे के लिए विभिन्न स्थानों पर रेलगाड़ियां रोकी जाएंगी। इसके बाद आगामी 26 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसानों की ओर से महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किए गए इन चार कार्यक्रमों के ऐलान के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल का सिलसिला तेज हो गया है।
लखीमपुर खीरी जिले में लखनऊ जोन के एडीजी एसएन साबत और आईजी लक्ष्मी सिंह को कैंप करने के लिए कहा गया है। आईजी लक्ष्मी सिंह इससे पहले मेरठ जोन की आईजी समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बतौर एसएससी तैनात रह चुकी हैं। इसलिए वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मिजाज को अच्छी तरह से जानती और समझती हैं। मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार को गाजियाबाद में लगाया गया है। जहां राजधानी दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर पड़ता है। आईपीएस प्रवीण कुमार इससे पहले जनपद मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। जब से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की शुरुआत हुई है उसी समय से प्रवीण कुमार प्रमुख किसान नेताओं के संपर्क में है।