कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने दिया त्याग पत्र- सामने आयी यह वजह
उन्होंने बीते तीन वर्षों में तन मन धन से पार्टी की सेवा की मगर पार्टी के कुछ निर्णयों की वजह से वह आहत हैं
अमेठी। 'भारत जोड़ो यात्रा' के बीच गांधी परिवार की कर्मस्थली रही अमेठी में अंतर्कलह सामने आयी जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के सामने सार्वजनिक मंच पर अपने मन की भड़ास निकालने के दूसरे दिन गुरूवार को जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने शीर्ष नेतृत्व को त्याग पत्र भेज दिया।
प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए त्याग पत्र में कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने लिखा है कि वर्ष 2019 में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें अमेठी का जिलाध्यक्ष नियुक्त् किया था। उन्होंने बीते तीन वर्षों में तन मन धन से पार्टी की सेवा की मगर पार्टी के कुछ निर्णयों की वजह से वह आहत हैं। जिसकी वजह से वह इस पद पर अब बने नहीं रहना चाहते हैं। वह एक कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस में बने रहेंगे। प्रदीप सिंघल ने इस्तीफे की प्रतिलिपि प्रियंका गांधी को भी भेजी है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा " चाहे कोरोना काल हो या आम लोगों की मदद करने की बात हो। मैंने बिना भेदभाव तन मन धन से सब की मदद की है। सब का सम्मान किया है। कभी किसी से कोई भेदभाव नहीं किया लेकिन मैंने जिनका सम्मान किया। मैंने जिनका अभिवादन किया। वही लोग प्रदेश स्तर पर जाकर मेरी बुराई कर रहे हैं। मुझे ऐसा पद नहीं चाहिए मैं आज और अभी अपने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। प्रदेश संगठन जिसको चाहे जिला अध्यक्ष बना दे।"
फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने इस्तीफे का खंडन किया था। उन्होंने त्याग पत्र की बात के सवाल पर कहा था कि जिलाध्यक्ष ने इस्तीफा नहीं दिया है। उनकी कुछ व्यक्तिगत नाराजगी थी। संगठन के कार्यों को लेकर और वह मामला शांत हो गया है। ऐसी कोई बात नहीं और निकाय चुनाव हम दमखम से लड़ेंगे।
इस्तीफा देने पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया। अब पार्टी मेरे फैसले पर क्या विचार करती है ये उनके ऊपर है।
गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी के चुनाव हार जाने के बाद निर्वतमान जिला अध्यक्ष ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था। 20 अगस्त 2019 को प्रदेश महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदीप सिंघल को अमेठी के जिला संगठन की कमान देते हुए जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके साथ ही प्रदीप सिंघल 2022 में तिलोई विधानसभा से प्रत्याशी भी बनाए गए थे। हालांकि वे चुनाव नहीं जीत सके थे।
वार्ता