जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव- किसी भी हाल में सपा को वोट नहीं देगी बसपा
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जिला पंचायत सदस्यों का गठजोड़ अभी चल रहा है
मेरठ। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जिला पंचायत सदस्यों का गठजोड़ अभी चल रहा है। एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने वाले जिला पंचायत सदस्यों की भी मानों भरमार है। हर पार्टी अपने अपने गठजोड़ के हिसाब से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी कब्जाना चाहती हैं। सभी विपक्ष इकट्ठे होकर बीजेपी को ही चारों खाने चित करने में लगे हुई हैं, तो कई जगह बीजेपी विपक्ष में ही सेंध लगाकर अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में जुटी हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनीतिक गर्मी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं,वैसे वैसे प्रत्याशियों की धड़कन भी बढ़ती जा रही है। अब देखना यह होगा कि सत्ताधारी भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष की कितनी कुर्सियों पर अपना कब्जा जमा पाती है। वहीं विपक्ष के तौर पर सपा और बसपा व अन्य पार्टियां जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कहां तक अपने आप को मजबूती देकर जिला पंचायत अध्यक्ष कुर्सी पर कब्जा कर पाती है।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर मेरठ में नया मोड़ आ गया है। बसपा ने ऐलान कर दिया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के सदस्य किसी को भी वोट दे देंगे, लेकिन सपा को वोट का सवाल ही नहीं है। बसपा नेता अपनी पार्टी के जिला पंचायत सदस्य को सपा में शामिल कर प्रत्याशी घोषित किए जाने से सख्त नाराज हैं। यह मामला पार्टी में ऊपर तक पहुंच गया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन के कारण बसपा बिल्कुल अलग-थलग हो गई है। सपा ने बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य सलोनी गुर्जर को पार्टी में शामिल कर सपा की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे बसपा नेता काफी नाराज हैं। हालांकि सपा-रालोद की ओर से जिस समय सलोनी गुर्जर को प्रत्याशी घोषित किया गया था तो उस समय बसपा के सदस्य मौजूद थे। बाद में बसपा नेता सपा की इस कार्रवाई से बिल्कुल अलग हो गए। रविवार को बसपा के मंडल कोऑर्डिनेटर सतपाल पेपला ने कहा कि अब बसपा जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में किसी को भी वोट दे देंगे, लेकिन सपा के प्रत्याशी को वोट देने का सवाल ही नहीं है। सपा ने बसपा समर्थित सदस्य को शामिल कर प्रत्याशी बनाया है। सपा प्रत्याशी को वोट का सवाल ही नहीं है।
सपा के बाद अब रालोद ने भी बसपा को करारा झटका दिया है। पंचायत चुनाव में परचम लहराने वाली रालोद ने बड़ी संख्या में बसपा से जुड़े कार्यकर्ताओं के पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया। इससे पूर्व सपा ने बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य सलोनी गुर्जर को पार्टी में शामिल कर जिला पंचायत का प्रत्याशी घोषित किया। रालोद नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के नेतृत्व में पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है। रालोद ही किसानों, मजदूरों की पार्टी है। रालोद की ओर से शास्त्रीनगर सेक्टर 13 में मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में डा.गुलजार अहमद पूर्व प्रधान जई, बसपा के सैकड़ों साथियों के साथ रालोद की सदस्यता दिलाई गई। मीटिंग की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष चौधरी यशवीर सिंह और संचालन जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़ ने किया। सबसे पहले क्षेत्रीय अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष ने डा. गुलजार और साथियों का टोपी और माला पहनाकर रालोद में आने पर स्वागत किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय अध्यक्ष चौधरी यशवीर सिंह ने कहा कि किसानों, मजदूरों, अल्पसंख्यकों की हितैषी केवल रालोद है। 2022 में भाजपा को सत्ता से बाहर कर सबक सिखाने का काम जनता करेगी।