डिप्टी सीएम ने की बैठक- यूपी में केशव का सियासी संकेत
अगर डिप्टी सीएम की बात सच हुई तो बीते दो चुनावों से अलग यूपी में इस बार चुनाव देखने को मिलेगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बीते दिनों लखनऊ में लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर एक बैठक की थी। इस बैठक के बाद कहा गया कि पार्टी ने आगामी चुनाव के लिए बूथ स्तर से लेकर सभी सात मोर्चों की समीक्षा की है लेकिन अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने नया मोड़ ला दिया है। अगर डिप्टी सीएम की बात सच हुई तो बीते दो चुनावों से अलग यूपी में इस बार चुनाव देखने को मिलेगा। भाजपा मुसलमानों को सक्रिय भागीदारी देना चाहती है।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य से महापंचायत के दौरान पसमांदा मुसलमानों को लेकर सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा, मुसलमान भारत में सुरक्षित जीवन जी रहा है और जो कार्यकर्ता हमारा होगा, हम उन्हें टिकट भी देंगे और पहले भी दिया है। लेकिन अगर जीतने लायक नहीं है तो हम केवल गिनती गिनाने के लिए टिकट दे दें कि मुस्लिम को दिया है तो हम हारने के लिए टिकट नहीं देंगे। जब टिकट देंगे तो जीतने के लिए टिकट देंगे। इसी संदर्भ में केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा था अगर अखिलेश यादव मुसलमानों को साथ लेकर चलते तो क्या सत्ता से बाहर जाते। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहे लेकिन इसी यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान हमने 325 विधायकों के साथ सरकार बनाने का काम किया और 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ था तो हम इसी यूपी में 73 सीटों पर जीते थे। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा अखिलेश यादव ने बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी से गठबंधन भी करके देख लिया, लेकिन उनके गठबंधन करने के बाद भी हमारे 64 सांसद जीतकर लोकसभा में गए। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में उन्होंने कहा था कि 400 सीट जीतेंगे। मुझे लगा उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा होगा। अगर स्वास्थ्य ठीक रहता तो 200 या 250 बोलते तो समझ में आता। मौर्य ने कहा 2017 में एकतरफा वातावरण था तब भी हम लोग 265 प्लस बोलते थे। लेकिन जब देखे कि माहौल बहुत अनुकूल है तो हम लोगों ने अबकी बार तीन सौ पार भाजपा सरकार कहा था।