औंधे मुंह गिरा कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव-नहीं मिला विधायकों का साथ
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को सदन में 55 विधायकों का साथ मिला। जबकि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में महज 32 विधायक की अपनी एकजुटता दिखा सके।
चंडीगढ़। 6 घंटे तक चली मैराथन चर्चा के बाद सदन में लाया गया हरियाणा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव पर्याप्त विधायकों का समर्थन ना मिलने की वजह से औंधे मुँह गिर गया। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को सदन में 55 विधायकों का साथ मिला। जबकि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में महज 32 विधायक की अपनी एकजुटता दिखा सके। अविश्वास प्रस्ताव के सदन में गिरते ही कांग्रेस विधायकों ने जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी।
बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चुटकी लेते हुए महाभारत से जुड़ी एक कहानी भी सुनाई। वही पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सीएम की कहानी का जवाब दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस के एहसानमंद है। मुझे अपनी 6 साल की सरकार का लेखा-जोखा सदन में रखने का मौका मिला। सत्ता को लेकर कांग्रेस की मृगतृष्णा है और इसमें उसे पानी नहीं रेत ही रेत मिलेगा।
सीएम ने कहा कि विपक्ष का विश्वास तो सरकार को कभी नहीं मिलेगा हमें तो जनता का विश्वास जीतना है। उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक रिकॉर्ड बनाइए और हर छह माह बाद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आइए। इस बार तो आप ने मान लिया है कि सरकार के पास बहुमत है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में कांग्रेस पर जमकर तंज कसे। उन्होंने कहा कि काग्रेस की अविश्वास वाली नीति उसे कोई लाभ नहीं देने वाली है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गलवां की घटना और सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हर बार अविश्वास ही होता है चाहे वह सरकार हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक।