प्रियंका ने महिलाओं के लिये जारी किया घोषणा पत्र

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने आज लखनऊ में घोषणा पत्र जारी किया है। इस घोषणा पत्र में प्रियंका गांधी ने महिलाओं का कल्याण करने के लिये विशेष योजनाएं बनाई

Update: 2021-12-08 08:17 GMT

लखनऊ। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने आज लखनऊ में घोषणा पत्र जारी किया है। इस घोषणा पत्र में प्रियंका गांधी ने महिलाओं का कल्याण करने के लिये विशेष योजनाएं बनाने की घोषणा की हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को एक साल में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिये जायेंगे और पुलिस में 25 प्रतिशत नौकरी दी जायेगी।

प्रियंका गांधी ने कहा कि इससे दूसरे राजनीतिक दलों पर भी दबाव होगा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को एकदम सीरियसली लिया जाये। सक्षमता, शक्ति यह महिला के सहज गुण होते हैं। इसके साथ-साथ दया, साहस, आशा यह सब महिलाओं को गुण होता है। हम चाहते हैं कि यह गुण राजनीति में भी प्रकट हो। इसके बारे में हमने पहले भी बताया। उन्होंने कहा कि हमने 40 प्रतिशत महिलाओं को हिस्सेदारी इसलिये दी कि उनकी जो शक्तिकरण की बात सिर्फ कागज पर ना रहे, आज तक जो महिलाओं की बात होती है, वह पब्लिसिटी, कागज और चुनाव के समय ऊपर आती है। जब महिला राजनीति में पूरी तरह से भागीदार बनेगी, तब उसका ट्रांस्लेशन सिर्फ पब्लिसिटी, कागजी व ऐलानों से ज्यादा जमीनी स्तर पर होगा। इसकी शुरूआत पंचायती राज में कांग्रेस पार्टी द्वारा 33 प्रतिशत आरक्षण था, उससे इसकी शुरूआत हुई।

प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री दी। उत्तर प्रदेश में पहली सीएम कांग्रेस पार्टी की ही थी। हमारे देश में प्रधानमंत्री तब बनी, जब विदेश और दुनिया भर में उस स्तर पर बहुत कम महिलाओं की राजनीति में भागीदारी होती थी। आज जाकर अमेरिका में पहली बार उपराष्ट्रपति पहली बार बनी है और हमारे देश में एक महिला प्रधानमंत्री बहुत पहले बनी थी। इस कांग्रेस पार्टी की सोच थी, इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हमने यह महिला घोषणा पत्र बनाया है, जिसमें हम यह कहना चाहते हैं कि हम महिलाओं को सचमुच सशक्त बनाना चाहते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये ऐसा वातावरण बनाना होगा, जहां पर महिलाओं की अभिव्यक्ति बंधनों को तोड़ सके। एकदम महिलाओं को अपना फ्रीडम ऑफ चॉइस मिले, राजनीति में पूरी भागीदारी मिले, समाज में ऐसी भागीदारी मिले, जिससे महिलाओं पर अत्याचार ना हो।

प्रियंका गांधी ने कहा कि जहां-जहां मैं उत्तर प्रदेश में जाती हूं, मैंने देखा है कि महिलाओं को बहुत शोषण होता है और वह लड़ रही है। महिलाओं की लडने की बात हम पहली बार नहीं कर रहे हैं, यह आप से ही उभरी है और जो मैंने यहां दो साल कार्य किया, मैंने देखा कि महिलाएं अपने हकों के लिये लड़ रही है। खासतौर से जो नौजवान महिलाएं हैं, वह सहना नहीं चाहती हैं। वह अपने हक के लिये आज लड़ने के लिये तैयार हैं और लडेगी। उस भावना से हमने यह घोषणा पत्र बनाया ताकि लड़ने में हम मदद करें, समर्थन दें और महिलाओं को हम पूरी तरह से सशक्त बनाये।

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने इसको 6 हिस्सों में बांटा है। पहला स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान की सबसे बड़ी बात यह है कि राजनीति में 40 प्रतिशत टिकटों में हिस्सेदारी से शुरू कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि हम इसको आगे हम बढ़ाकर एक दिन 50 प्रतिशत करें, यह जो हिस्सेदारी है, इससे हम महिलाओं को जो राजनीति में इनबैलेंस है, जो ठीक कर सकें। संसद और विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 प्रतिशत से कम है, जब 40 प्रतिशत महिलाएं टिकट लेंगी और चुनाव लडेंगी। आशा है कि विधानसभा में बढ़ेगा और जब लोकसभा का चुनाव आयेगा तो और भी बढेगा।

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने स्वावलंबन में महिलाओं के लिये बहुत सारी घोषनाएं की हैं। शायद आपको मालूम होगा कि यूपी में कामकाजी महिलाओं की अब भागीदारी 9.4 प्रतिशत है। हमने इस घोषणा पत्र में यह घोषणा की है कि नई सरकारी पदों में आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति होगी। इसका मतलब यह है कि जो हमने घोषणा की है, हम 20 लाख रोजगार दिलवायेंगे, इसमें से 8 लाख रोजगार महिलाओं को दिलवायेंगे। 50 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी देने वाले व्यावसायों कर में छूट और सहायता मिलेगी। महिलाओं द्वारा छोटे संचालित व्यावसायों को सस्ता रिनो और टैक्स रिफंड हेतु फंड मिलेंगे। कामकाजी महिलाओं के लिये 25 शहरों में सुरक्षित और नवीनतम सुविधाएं वाले छात्रा आवास बनाये जायेंगे। ग्रामीण और कुटीर क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्तिकरण होना चाहिए। उसके लिये आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और आशा बहुओं के लिये 10 हजार रूपये का न्यूनतम मानदेय मिलेगा। सहायता समूह को 4 प्रतिशत इंट्रेस्ट रेट पर ऋण, मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता, 40 प्रतिशत कार्यों में आरक्षण मिलेगा।

प्रियंका गांधी ने कहा कि राज्य में राशन की 50 प्रतिशत दुकानों को प्रबंध और संचालन महिलाओं द्वारा किया जायेगा। शिक्षा के लिये जो शेक्षिक शक्तिकरण है, उसके लिये हम 12वीं में लड़कियों के लिये स्मार्टफोन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुझे एक छात्रा ने बताया कि उनका सामने कोरोना काल में सबसे बड़ी समस्या ऑनलाइन पढ़ाई में आई क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन नहीं था। आज स्मार्टफोन शिक्षा का माध्यम बन गया है और सुरक्षा का माध्यम भी है। इसी तरह स्नातक पास लड़कियों को स्कूटी मिलेगी। राज्यभर में विरांगानाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय शुरू किये जायेंगे, यह हर जिले में होंगे। यह महिलाओं को दक्षता के लिये प्रशिक्षण तरह-तरह की ऐसी चीजें सिखाई जायेंगी, जिससे वह सशक्त हो। राज्यभर में महिलाओं द्वारा प्रबंधित और संचालित संध्या विद्यालय भी होंगे। खासतौर से जो अर्बन सेंटर है, यह वहां लगवाये जायेंगे, जहां पर महिलाएं आकर पढ़ाई कर सकेंगी और इनकी सुविधाएं के लिये अच्छे प्रबंध करवायेंगे।

प्रियंका गांधी ने कहा कि आपको शायद पता होगा कि कोरोना के कारण यूपी में माध्यमिक स्तर की 1 करोड़ छात्राओं ने शिक्षा छोड़ी। वर्ष 2014 के बाद से शिक्षा के बजट में निरंतर कटौती हुई है। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं को 60 प्रतिशत बजट सिर्फ विज्ञापनों में खर्च किया गया है। इसीलिये मैं कहती हूं कि महिलाओं के सशक्तिकरण की बात सिर्फ विज्ञापनों में रह चुकी है। महिलाओं को जिस तरह से भागीदारी बनाना चाहिए, उस तरह से बनाने की कोशिश भी नहीं रही है। सभी राजनीतिक दल यह पहचानते हैं कि अगर इस देश की सारी महिलाएं अपनी शक्ति को पहचानें और उस शक्ति को एक राजनीतिक शक्ति में बदल दें तो यह देश बदल सकता है। उन्होंने कहा कि जातिवाद, सांप्रदायिक राजनीति है, यह खत्म हो सकती है।


प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं आग्रह करना चाहती हूं कि सारी महिलाओं से, अपनी सारी बहनों से कि एक बहुत बड़ा मौका है। आपको अपनी शक्ति को पहचानना है और उसको इस्तेमाल करना है। विकास की राजनीति को इस देश में लाईये, खासतौर पर उत्तर प्रदेश में। उन्होंने कहा कि घरेलू क्षेत्र में मान्यता और सशक्तिकरण के लिये, आप सब जानते होंगे कि एनएसएस रिपोर्ट में कि भारतीय महिलाएं अवैतनिक घरेलू कामों में पांच घंटे हर रोज कम से कम काम करती हैं और पुरूष घरेलू अवैतनिक कामों में सिर्फ डेढ घंटे में काम करते हैं, यह बहुत इनबैलेंस है। राज्यभर में महिलाओं के लिये सरकारी बसों में हम मुफ्त यात्राएं दिलवाना चाहते हैं। महिलाओं को हर साल तीन गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। प्रत्येक बुजुर्ग और विधवा महिला को हजार रूपये का मासिक पेंशन मिलेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला चौपाल का निर्माण किया जायेगा और गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट दिया जायेगा। महिलाओं के लिये निजी क्षेत्र या अंतराष्ट्रीय विद्यालयों के साथ साझेदारी में 10 विश्व स्तरीय आवासीय खेल एकडेमी महिलाओं के लिये हम बनवायेंगे।

प्रियंका गांधी ने कहा कि परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिये एक एफडी, सावथी जमा बनवाई जायेगी। घरेलू हिंसा से निपटने के लिये प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता की नई योजना बनेगी। जिस महिला को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है, उसे समर्थन मिले, उनके लिये एक पांइट ऐसा हो, जहां पर जाकर वह मदद मांग सकती है, जहां पर दूसरी महिलाएं उन्हें अच्छे से समझा सकती हैं और जो उनके हक उन्हें अवगत करा सकती हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिये कुछ ऐसे स्टेप्स लिये जाये, जिससे महिलाओं पर अत्याचार ना हो। इसी को देखते हुए हमने 25 प्रतिशत महिलाओं को पुलिस में नौकरी देने की घोषणा की है और हर थाने में महिला कांस्टेबल होनी चाहिए। बलात्कार जैसी अपराध शिकायत के बाद 10 दिन में अत्याचार अधिनियम की धारा 4 का पालन न हो। अधिकारी के निलबंन का एक कानून बनाया जायेगा क्योंकि हमने ज्यादातर केस ऐसे देखें है, जहां पर एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता है क्योंकि साठगंाठ होती है या फिर जिसने अत्याचार किया, उसका सत्ता के साथ कुछ ना कुछ जुडाव होता है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिये और विशेषाधिकार आयोग का गठन, जिसमें 6 महिलाएं होंगी, दो न्यायधीश, दो सामजिक कार्यकर्ता और दो सरकारी अधिकारी। यह पीड़िता और परिवार के आरोपी या प्रशासन द्वारा शोषण और डराने-धमकाने जैसे मामलों में कार्यवाही करेंगी। हर जिले में महिला पीड़ितों के लिये मुफ्त कानूनी सहायता हेतु तीन सदस्या विशेष कानूनी प्रकोष्ठ का गठन किया जायेगा। हर जिले में एक ऐसा कानूनी प्रकोष्ठ होगा, जहां पर कानूनी सहायता मुफ्त मिल सके और कानूनी सलाह मिल सके। अगर आप इस तरह के अत्याचार किये गये हैं। सेहत के लिये 10 लाख रूपये से बीमारी के उपचार के लिये मुफ्त इलाज किया जायेगा और इसके साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नये स्वास्थ्य केन्द्र खोले जायेंगे। पीएचसी और सीएचसी को मजबूत किया जायेगा। अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में मासिक धन से सम्बंधित वस्तुओं की मुफ्त आपूर्ति होगी।




 


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