कानून व्यवस्था के मामले को लेकर डीजीपी से मिले कांग्रेस नेता

पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर और सागर में मकानों को गिराया गया।

Update: 2024-08-25 03:44 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने राज्य में कानून व्यवस्था लचर होने का आरोप लगाते हुए आज यहां इस संबंध में प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) से मुलाकात की और अपनी बात रखी।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की। इस दौरान डीजीपी से कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की “बिगड़ती कानून व्यवस्था” पर चर्चा की। कांग्रेस नेताओं ने राज्य में हाल के दिनों में घटित विभिन्न घटनाओं के संदर्भ में कहा कि अनेक पुलिस कर्मचारी सरकार में बैठे भाजपा नेताओं को सहयोग कर उनके “एजेंट” के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग डीजीपी से की।

पटवारी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा कानून प्रक्रिया और नियमों का उल्लंघन करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। छतरपुर, भिंड और उज्जैन की घटनाएं इसका उदाहरण है। उन्होंने छतरपुर की घटना को लेकर कहा कि यह राजनैतिक, सामाजिक घटना नहीं, बल्कि संवैधानिक प्रावधानों के विरूद्व घटना है।

पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर और सागर में मकानों को गिराया गया। इतना ही नहीं, न्याय प्रक्रिया को नजरअंदाज करके प्रशासन द्वारा अन्य राजनैतिक दलों से जुड़े और अन्य सामान्य व्यक्तियों के मकान तोड़े जा रहे हैं। इससे प्रदेश में बुलडोजर प्रवृति आ गई है और दहशत फैलाकर काम किया जा रहा है।

मुलाकात के दौरान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, विधायक आरिफ मसूद, आतिफ अकील, पूर्व मंत्री पी. सी. शर्मा और अन्य नेता शामिल थे।

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