बिजनेसमैन है जिला पंचायत सदस्य शाहनवाज - झूठे मुकदमें के सहारे विरोध
जिला पंचायत का सदस्य का चुनाव जीतने वाले शाहनवाज कुरैशी की जीत के बाद कुछ लोग बेवजह उनको गोकश बनाने पर तुले हुए हैं
मुजफ्फरनगर। जिले की सियासत में एक नाम आजकल बेवजह सुर्खियों में है, बेवजह शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि जिस व्यवसाय से कोई ताल्लुक नहीं केवल किसी गरीब के घर पर गांव के जिम्मेदार होने के नाते पुलिस का विरोध करने पर झूठे मुकदमे के साथ गैंगस्टर का तमगा मिल गया हो तो उसे बेवजह ही कहा जाएगा। अपने गांव से प्रधान पद पर अपनी पत्नी और वार्ड 39 से जिला पंचायत का सदस्य का चुनाव जीतने वाले शाहनवाज कुरैशी की जीत के बाद कुछ लोग बेवजह उनको गोकश और गैंगस्टर बनाने पर तुले हुए हैं।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद की तहसील जानसठ के गांव ककरौली निवासी शाहनवाज एक बिजनेसमैन है। मुजफ्फरनगर जोली मार्ग पर जहां उनकी 15 साल से MSQ स्टील के नाम से फर्नेस है वहीँ 15 साल से वो ईट भट्टा का व्यवसाय भी करते हैं। खेती किसानी से जुड़े शाहनवाज पिछले 15 साल से बिजनेस करते हैं । पिछले दिनों लॉकडाउन के दौरान उनके गांव में अवैध कटान की सूचना पर पुलिस एक घर पर दबिश देने पहुंच जाती है, जहां इसकी सूचना पर जब शाहनवाज को मिलती है तो वह मौके पर पहुंच जाते हैं। पुलिस से उनकी इस बात को लेकर बहस हो जाती है कि घर में केवल महिलाएं हैं अगर आपको दबिश देनी है, तलाशी लेनी है तो मैं करवा देता हूँ । इसी बीच कुछ बातों को लेकर पुलिस और शाहनवाज के बीच गर्मा गर्मी हो जाती है। जिसकी किसी के द्वारा वीडियो बना ली जाती है। घटना के कुछ दिनों बाद जब गांव में चुनावी माहौल शुरू हुआ और शाहनवाज ने जिला पंचायत सदस्य के रूप में एवं प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ने की कार्य योजना बनाई तो उनके विरोधियों ने वो वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी।
इसके बाद उनके विरोधियों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया जिसके जिस कारण सब कुछ जानते हुए भी पुलिस ने शाहनवाज के खिलाफ गोकशी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। उसके बाद विरोधियों के दबाव में पुलिस ने कोई अन्य मुकदमा नहीं होने के बाद भी उन पर गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया, हालांकि न्यायालय ने शाहनवाज की सामाजिक एवं व्यवसाय की स्थिति को देखते हुए उनको जमानत दे दी थी। जमानत होने के बाद जब पंचायत चुनाव शुरू हुए तो शाहनवाज ने अपनी पत्नी आबिदा परवीन को गांव ककरौली में प्रधान पद का प्रत्याशी बनाया और वह खुद वार्ड 39 से जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में उतर गए। चुनावी रण में जहां शाहनवाज ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता वही उनकी पत्नी आबिदा परवीन भी ककरौली गांव की प्रधान बन गई। दोनों चुनाव की जीत में शाहनवाज को सर्व समाज की वोट मिली। दरअसल वार्ड 39 की जनता जानती थी कि शाहनवाज गोकशी नहीं करता है बल्कि बिजनेसमैन है। तभी तो उनको वार्ड 39 के उन गांवों से भी शाहनवाज को वोट मिली जहां मुस्लिम समुदाय की वोट नहीं थी, जो साबित करता है कि वो ककरौली इलाके के वो सर्व समाज के नेता है। जिला पंचायत चुनाव जीतने के बाद जब अध्यक्ष पद के लिए भाजपा को वोट की जरूरत पड़ी तो उन्होंने शाहनवाज से संपर्क किया। दरअसल बीजेपी के नेता भी जानते थे कि शाहनवाज कुरैशी का पशु कटान से कोई मतलब नहीं है, उसको केवल फंसाया गया था । उसी को देखते हुए भाजपा नेता शाहनवाज के घर पर उसकी वोट मांगने के लिए गए। जैसे ही यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कुछ संगठनों ने शाहनवाज को गोकशी में गैंगस्टर का आरोपी बताते हुए धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया जो अभी तक जारी है, जबकि खोजी न्यूज़ की पड़ताल में यह पाया गया है कि शाहनवाज गौकश या गैंगस्टर नहीं बल्कि बिजनेसमैन है।