माॅब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने में सरकार की विफलता ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की माँग है कि आरक्षण की समतामूलक मानवतावादी व्यवस्था को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए।
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि माॅब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने में सरकार की विफलता ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बसपा कार्यकर्ता और समर्थक कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे सरकार को ''जातिवादी घृणा' और 'राजनीतिक प्रतिशोध' से कार्रवाई करने का कोई अवसर मिले।
लखनऊ में आयोजित प्रदेश बसपा इकाई की बैठक में पार्टी के कार्यकलापों की समीक्षा करने के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कानून को हाथ में लेकर अराजकता, हिंसा व तनाव फैलाने के साथ-साथ माॅब लिंचिंग में हत्या आदि की बढ़ती हुई घटनाओं को रोक पाने में सरकारी विफलता ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। इस स्थिति में बहुजन समाज पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है।बसपाई कोई भी ऐसा काम नहीं करें जिससे सरकार को ''जातिवादी घृणा' और 'राजनीतिक प्रतिशोध'से कार्रवाई करने का कोई अवसर मिले।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आगे कहा कि 'विशेषकर मॉब लिंचिंग जातिवादी अत्याचार, महिला उत्पीड़न व असुरक्षा की बढ़ती घटनाओं ने प्रदेश, देश व समाज को यथेष्ट रूप से चिन्तित और विक्षुब्ध कर रखा है। इसके शिकार सर्वसमाज के लोगों को मदद स्थानीय स्तर पर कानूनी दायरे में ही करने का भरपूर प्रयास करते रहना चाहिए तो बेहतर है। इस सम्बन्ध में विशेषकर धारा 144 की सरकारी प्रतिबंध का उल्लंघन बिल्कुल नहीं करना है। ऐसा करके सरकारी योजनाओं व षडयंत्रों को विफल किया जा सकता है।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की हालत अधिक चिंताजनक है तथा बढ़ती ग़रीबी व बेरोज़गारी आदि की समस्या और ज्यादा विकट धारण कर रही है अनेक प्रकार के अपराधों को बढ़ाने का कारण बन रही है और ऐसे में अपनी विफलताओं पर से देशवासियों का ध्यान बांटने के लिए सरकार हर प्रकार का हथकण्डा इस्तेमाल कर सकती है।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आगे कहा जहां तक देश की अर्थव्यवस्था की दुर्दशा की बात है वह आजकल कुछ अधिक चर्चा में है क्योंकि यह विकट दौर से गुजर रही है, जिस कारण बेरोज़गारी हर स्तर पर लगातार बढ़ती जा रही है, यह सरकार के लिए बड़ी चिन्ता की बात होनी चाहिए। कहीं यह सब नोटबंदी व जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने का कुप्रभाव तो नहीं है ? देश में फैली व्यापक ग़रीबी व बेरोजगारी की समस्या को दूर करना केन्द्र व राज्य सरकारों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा इसके अतिरिक्त दलित, आदिवासी व पिछड़े वर्ग के लोग आरक्षण के सही ढंग से लागू नहीं होने के कारण काफी उद्वेलित हैं जबकि सरकारी क्षेत्र में लाखों आरक्षित पद खाली पड़े हुए हैं। इतना ही नहीं बल्कि इन उपेक्षित वर्गों के आरक्षण के संवैधानिक व्यवस्था की समीक्षा की तलवार भी हर वक्त लटकाए रखा है जो अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। बहुजन समाज पार्टी की माँग है कि आरक्षण की समतामूलक मानवतावादी व्यवस्था को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए।