बीजेपी के स्टार प्रचारक का विरोध-मचा बवाल तो कार छोड प्लैटिना पर भागे

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार का प्रचार करने के लिए पहुंचे स्टार प्रचारक को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा।

Update: 2022-02-23 08:16 GMT

देवरिया। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार का प्रचार करने के लिए पहुंचे स्टार प्रचारक को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। गांव में जाने की जबरिया जिद कर रहे स्टार प्रचारक को बाद में जनता के विरोध के चलते पुलिस की मदद से कार के बजाय प्लैटिना बाइक पर मौके से भागना पड़ा।

दरअसल भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक मृदुल मनोज तिवारी देवरिया जनपद की बरहज विधानसभा सीट के बीजेपी उम्मीदवार का चुनाव प्रचार करने के लिए इलाके में पहुंचे थे। भाजपा के स्टार प्रचारक के आने की जानकारी मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक मृदुल मनोज तिवारी अपने समर्थकों के साथ गाड़ी में सवार होकर मौके पर पहुंचे, वैसे ही पहले से इकट्ठा हुई भीड़ ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया। भाजपा समर्थकों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर गांव में घुसने की हर संभव कोशिश की, लेकिन ग्रामीण भाजपा नेताओं की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हुए और उन्होंने इलाके में काम नहीं कराने को लेकर भाजपा नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जब गांव में चुनाव प्रचार करने की जिद पर अड़े रहे तो ग्रामीणों ने बवाल काटना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने हंगामा काट रहे ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। बाद में विरोध बढ़ने पर जब भाजपा के स्टार प्रचारक मृदुल मनोज तिवारी ने मामला और अधिक बिगड़ता देखा तो आक्रोशित हुई भीड़ के गुस्से को देखकर भाजपा के स्टार प्रचारक को पुलिस की सहायता से अपने वाहन के बजाय मौके पर आनन-फानन में उपलब्ध हुई प्लैटिना बाइक पर बैठकर मौके से भागना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि भाजपा की ओर से रैलियों एवं जनसभा के मंचों से विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ अलग ही है। भाजपा हाईवे निर्माण की बात कहते हुए अपने विकास का दंभ भर रही है जबकि गांव देहात की सड़के जिन पर हमें रोजाना गुजरना पड़ता है, उनकी हालत अत्यंत दयनीय है। इसके अलावा अन्य समस्याएं भी लोगों के सामने मुंह खोलकर खड़ी हुई है। लेकिन इन मुद्दों पर भाजपा का कोई भी नेता आश्वासन दे देना या इनका निदान कराना नहीं चाह रहा है।

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