पिछली सरकारों में नियुक्ति के नाम पर पैसे वसूले जाते थे: योगी

योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों में नियुक्ति के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसे वसूले जाने का आरोप लगाते हुये कहा कि अतीत के भ्रष्टाचार ने प्रदेश को बिना रीढ़ की हड्डी वाला बना दिया

Update: 2021-12-17 04:17 GMT

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों में नियुक्ति के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसे वसूले जाने का आरोप लगाते हुये कहा कि अतीत के भ्रष्टाचार ने प्रदेश को बिना रीढ़ की हड्डी वाला बना दिया था।

योगी ने उत्तर प्रदेश सम्मिलित राज्य अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2020 के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देते हुये पिछली सरकारों में नौकरियों के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार काे प्रदेश की बड़ी कमजोरी बताया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान उनकी सरकार ने जनहित के कामों से बहुत कुछ बदला है।

योगी ने कहा कि सरकार बदलने से ही कुछ नहीं होता है। वास्तविक जरूरत अधिकारियों को सकारात्मक वातावरण में काम करने का मौका देने की है। उन्हाेंने कहा, "हमारी सरकार ने नौकरियों में पूरी पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। इसके साथ ही चयनित अभ्यर्थी बिना राजनीतिक दबाव के प्रदेश की जनता के लिए काम कर सके, इसका वातावरण तैयार किया गया।"

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इस प्रदेश को बिना रीढ़ की हड्डी वाला राज्य बना दिया था। लेकिन मौजूदा सरकार योगय अधिकारियों के साथ मिलकर देश में प्रदेश को हर क्षेत्र में अव्वल बनाने की मंशा रखती है। इसी का नतीजा है कि केन्द्र की 50 योजनाओं को लागू करके उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर आ गया है।

इस दोरान मुख्यमंत्री ने 34 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, 173 समीक्षा अधिकारी, सिंचाई विभाग के 208 सहायक अभियंता और 236 आशुलिपिक, 58 उपजिलाधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में 43 वरिष्ठ प्रवक्ता और गन्ना विभाग के 398 गन्ना पर्यवेक्षक तथा 10 ज्येष्ठ गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए।



 


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