महिला विरोधी मानसिकता का शिकार है भाजपा- राजीव

महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों में लगे रहते हैं वहीं बिहार भाजपा के कुछ नेता महिलाओं को अभी भी आगे नहीं बढने दे रहे।

Update: 2022-12-31 11:36 GMT

पटना। बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने भाजपा को महिला विरोधी मानसिकता का शिकार बताया और कहा कि कुछ नेताओं के हाथों की कठपुतली बनी भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिद्धांतों से पूरी तरह भटक चुकी है। पूर्व विधायक रंजन ने शनिवार को यहां कहा कि कुछ नेताओं के हाथों की कठपुतली बनी भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिद्धांतों से पूरी तरह भटक चुकी है। उन्होंने कहा कि मोदी जहां महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों में लगे रहते हैं वहीं बिहार भाजपा के कुछ नेता महिलाओं को अभी भी आगे नहीं बढने दे रहे।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में जहां महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है वहीं भाजपा उन्हें 3.5 प्रतिशत आरक्षण से भी वंचित रखती है। यही वजह है कि सत्ता में रहते हुए उसने केंद्र के हस्तक्षेप के बावजूद सिर्फ एक महिला को मंत्री बनाया। इससे पहले अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में उसने एक भी महिला को मंत्री नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि भाजपा की महिला विरोधी मानसिकता का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है। रंजन ने कहा कि अपने इसी महिला विरोधी आचरण के कारण भाजपा के नेता शराबबंदी का भी विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता शराबबंदी से होने वाली मौतों पर अपनी राजनीति जरूर चमका रहे हैं लेकिन उन्हें भी पता है कि शराबबंदी के कारण सर्वाधिक फायदा महिलाओं को ही हुआ है।

उन्होंने कहा कि क्या भाजपा के नेता नहीं जानते कि शराबबंदी के पहले महिलाओं को कितनी प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी। उन्हें न सिर्फ मार-पीट झेलना पड़ता था बल्कि पैसों की कमी के कारण वह बाल-बच्चों का पोषण भी सही से नहीं कर पाती थी लेकिन शराबबंदी के बाद अब उनके घरों में शांति है। साथ ही दारू पर होने वाला खर्च अब उनके बच्चों के पोषण और शिक्षा पर खर्च हो रहा है. पूर्व विधायक ने कहा कि यह सब जानने के बावजूद यदि भाजपा शराबबंदी का विरोध करती है तो इसे उनके महिला विरोधी आचरण का सबूत ही माना जाएगा। उन्होंने कहा, "भाजपा नेताओं को मेरी सलाह है कि अपने महिला विरोधी आचरण को कम करें।"

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