BJP को लगा झटका-मंत्रियों के गढ़ में मिली हार- सांसद की पत्नी रही चौथे.

हालात इस कदर दयनीय रहे है कि चुनाव में उतरी सांसद की पत्नी को चौथे स्थान पर रहने को मजबूर होना पड़ा है।

Update: 2022-11-28 06:56 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी से लोगों का उस समय मोहभंग होता हुआ दिखाई दिया है जब हरियाणा के 7 जनपदों में जिला परिषद की 102 सीटों में से भाजपा को महज 22 सीटों पर ही जीत नसीब हो सकी है। हालात इस कदर दयनीय रहे है कि चुनाव में उतरी सांसद की पत्नी को चौथे स्थान पर रहने को मजबूर होना पड़ा है।

दरअसल हरियाणा में जिला परिषद की 411 सीटों के चुनाव के नतीजे डिक्लेअर किए गए हैं। 3 चरणों के अंतर्गत हुए चुनाव के तहत कांग्रेस और भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने अपने सिंबल पर चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। हरियाणा के 7 जनपदों की 102 जिला परिषद सीटों में से भाजपा को केवल 22 सीट पर ही जीत नसीब हो सकी है। हालांकि पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि 15 अन्य जनपदों में भी पार्टी समर्थित 150 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है।

भाजपा को राज्य में सबसे बड़ा झटका पंचकूला और सिरसा की सीटों पर लगा है। जहां भारतीय जनता पार्टी का पूरी तरह से सफाया हो गया है और पंचकूला की 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। सिरसा की दो दर्जन सीटों में से उन सभी 10 सीटों पर बीजेपी को हार मिली है जहां पर उसने अपने चुनाव चिन्ह पर कैंडिडेट इलेक्शन में उतारे थे। भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात अंबाला में रही है जहां से मंत्री अनिल विज आते हैं और उनके गृह नगर जनपद में भारतीय जनता पार्टी ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिनमें से 2 उम्मीदवार ही जीत हासिल कर अपने क्षेत्र में भगवा लहरा सके हैं। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि मंत्री अनिल विज के विधानसभा क्षेत्र अंबाला कैंट की एकमात्र सीट आम आदमी पार्टी के खाते में चली गई है।

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