आशीर्वाद पथ जनसभा-जयंत की हुंकार, पुराने बिल माफ नए होंगे हाफ
बिजली के दाम कम करने की बाबत केंद्र और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं है।
आगरा। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत सिंह ने आशीर्वाद पथ जनसभा के माध्यम से ब्रज क्षेत्र में अपने चुनावी अभियान का आगाज करते हुए बिजली के भारी भरकम बिलों को लेकर भाजपा सरकार के ऊपर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव में यदि उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है तो लोगों के पुराने बिजली बिल माफ कर दिए जाएंगे और नया बिल हाफ होगा।
बुधवार को आगरा के किरावली में आयोजित की गई आशीर्वाद पथ जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से सम्मान निधि के रूप में जो धनराशि किसानों को दी जा रही है वह ऊंट के मुंह में जीरा है। उन्होंने जनता से वादा किया कि यदि उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में 12000 की धनराशि एक मुश्त दी जाएगी। किसानों की सुविधा के लिये आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा। जिससे किसानों को नई तकनीक के साथ भारी मात्रा में आलू पैदा करने का अवसर प्राप्त हो सके। अधिक उत्पादन से किसानों की आय बढ़ेगी। रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना निशाना साधते हुए कहा है कि देश के भीतर बिजली के बिलों के रेट सरकार नहीं बल्कि अंबानी और अडानी निर्धारित कर रहे हैं। बिजली के दाम कम करने की बाबत केंद्र और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं है।
जबकि भारी भरकम बिजली बिलों के चलते लोगों के बीच त्राहि-त्राहि मची हुई है। लेकिन सरकार को परेशान हो रही जनता से कुछ भी लेना देना नहीं है। जनसभा को संबोधित करने के लिए रालोद मुखिया उड़न खटोले में सवार होकर पहुंचे थें। जनसभा स्थल पर उमडी किसानों व समर्थकों की भारी भीड़ को देखकर रालोद मुखिया पूरी तरह से गदगद हो गए। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की जनसभा इससे पहले दो मर्तबा खराब मौसम के चलते स्थगित हो चुकी थी। बुधवार को हुई रालोद की जनसभा को लेकर लोगों में इस कदर भारी उत्साह था कि सवेरे से ही सभा स्थल पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। रालोद कार्यकर्ताओं ने स्वयं ही यातायात व अन्य जिम्मेदारियां संभाल रखी थी। हालांकि सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी, लेकिन रालोद कार्यकर्ता खुद ही व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे।