और ढह गया बीजेपी का किला- राजकुमारी नहीं बनी क्वीन- मदन खतौली के बॉस
खतौली विधानसभा सीट की मतगणना में जीत हासिल करके गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया नए बॉस हो गए हैं।
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर शत प्रतिशत जीत के अरमानों के साथ उतरी राजकुमारी सैनी ओवर कांफिडेंस का शिकार होने की वजह से क्वीन नहीं बन पाई है। खतौली विधानसभा सीट की मतगणना में जीत हासिल करके गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया नए बॉस हो गए हैं।
बृहस्पतिवार को जनपद मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी के सबसे मजबूत किले के रूप में विख्यात हो चुकी खतौली विधानसभा सीट अब बीजेपी के हाथों से निकलकर गठबंधन उम्मीदवार मदन भैया के पास चली गई है। बृहस्पतिवार को जैसे ही भारी बंदोबस्त के बीच मतगणना का काम शुरू हुआ वैसे ही एसपी-आरएलडी- एएसपी उम्मीदवार मदन भैया मतों की गिनती में आगे होने शुरू हो गए।
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर इलेक्शन में उतरी सजायाफ्ता पूर्व एमएलए विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी लगातार पीछे चलती रही। लेकिन इस दौरान वह आगे निकलने के लिए पूरे जोर लगाती रही। हालात ऐसे बने कि गठबंधन प्रत्याशी के पीछे आगे निकलने को दौड़ रही बीजेपी कैंडिडेट राजकुमारी सैनी की जब सांस फूल गई तो वह निकलकर बाहर आ गई।
सोशल मीडिया पर इसे लेकर जब चर्चा शुरू हुई तो शायद डैमेज कंट्रोल के लिए मतगणना छोड़कर गई बीजेपी कैंडिडेट राजकुमार सैनी को वापस बुलाया गया। वापस लौटी राजकुमारी सैनी ने जब पूरे कॉन्फिडेंस के साथ खुद के विजई होने की बात कही तो कुछ लोगों की सांसे थम सी गई।
लेकिन मतगणना का काम अपनी गति से आगे चलता रहा और बीजेपी कैंडिडेट राजकुमारी सैनी एक बार फिर से जोर लगाते हुए आगे निकलने की कोशिश में लग गई। परंतु उनकी सारी कोशिशें अंतिम राउंड तक नाकाम सी रही और वह 27 वें राउंड की गिनती पूरी होने तक तकरीबन 22000 वोटों से हार गई। अंतिम दौर की गिनती पूरी होने तक गठबंधन प्रत्याशी के पास 95970 वोट थे, जबकि राजकुमारी सैनी को केवल 74216 परेट ही मिल सके।
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से खतौली विधानसभा सीट के उप चुनाव का अधिकृत परिणाम घोषित नहीं किया गया है जिसकी इंतजार की जा रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार राजकुमारी सैनी जो खतौली विधानसभा सीट की क्वीन बनने में असफल रही है वह अपने समर्थकों के साथ मतगणना स्थल को छोड़कर वापस घर चली गई है। खतौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना मैं हार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे मजबूत किला कहे जाने वाली विधानसभा सीट फिलहाल हाथों से निकल गई है।