किसानों की शहादत पर बेशर्मी से हंसे कृषि मंत्री, बोले- घर पर होते तो भी मरते

जेपी दलाल किसानों की शहादत पर बेशर्मी से हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो किसान मरे, वे यदि घर पर होते, तो भी मरते।

Update: 2021-02-14 10:16 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार में कृषि मंत्री जेपी दलाल किसानों की शहादत पर बेशर्मी से हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो किसान मरे, वे यदि घर पर होते, तो भी मरते। कोई हार्ट अटैक से मरा है, तो कोई बुखार से। कृषि मंत्री से किसी को भी इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और नागरिकों के अलग-अलग कमेंट आ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर हरियाणा सरकार में कृषि मंत्री का वीडियो वायरल हो रहा है। कृषि मंत्री से किसान आंदोलन में हुई किसानों की मौत को लेकर जब प्रश्न किया गया, तो वे बेशर्मी से हंसे और बोले कि घर पर होते, तो भी मरते। उन्होंने कहा कि भारत में मरने वालों का एवरेज रेश्यो निकाल लीजिये, उससे भी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि कोई बुखार से मरा है, तो कोई हार्टअटैक से मरा है।

जब उनसे कहा गया कि दुर्घटना में जब कई लोग मारे जाते हैं, तो स्वयं देश के प्रधानमंत्री मोदी संवेदना व्यक्त करते हैं। किसान आंदोलन में 200 से अधिक किसानों की मृत्यु हुई है। इस पर वे बोले कि किसान दुर्घटना में नहीं मरे हैं, अपनी स्वेच्छा से मरे हैं। कृषि मंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और लोगों के तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेम्बर योगेन्द्र यादव ने कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान को संवेदनहीन एवं अमानवीय बताया है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री जेपी दलाल का बयान हरियाणा को शर्मसार करने वाला है। कृषि मंत्री को तुरंत माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी कृषि मंत्री के बयान की निंदा करते हुए बयान को असंवेदनशील करार दिया है। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी कृषि मंत्री के बयान की आलोचना की है।

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