सिपाहियों की दबंगई से चली गयी सब्जी विक्रेता की जान - हुए सस्पेंड

लॉकडाउन के दौरान सब्जी बेचने के आरोप में थाने ले जाए गए सब्जी विक्रेता की पिटाई से मौत हो गई

Update: 2021-05-22 06:33 GMT

उन्नाव। लॉकडाउन के दौरान सब्जी बेचने के आरोप में थाने ले जाए गए सब्जी विक्रेता की पिटाई से मौत हो गई। सपा नेता की अगुवाई में पीडित परिजनों द्वारा थाने पर धरना प्रदर्शन किये जाने के बाद उच्चाधिकारियों ने इस मामले में आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। दोनों के खिलाफ धारा 302 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज करते कार्यवाही शुरू कर दी गई है। पीड़ित परिजनों को मुआवजे का आश्वासन देते हुए शहरी आवास योजना के अंतर्गत मकान दिए जाने की घोषणा अधिकारियों द्वारा की गई है।

जिले के बांगरमऊ कस्बे में जमीन पर फटटा लगाकर सब्जी बेचते हुए 18 वर्षीय युवक फैसल पुत्र इस्लाम निवासी मोहल्ला भटपुरी बांगरमऊ अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। कस्बे में लाॅकडाउन खुलने का समय समाप्त हो जाने के बाद फैसल को अपना सामान समेटकर घर ले जाने में कुछ देर हो गई। इसी बीच दो पुलिसकर्मी आए जो लॉकडाउन के दौरान सब्जी की दुकान लगाने के आरोप में फैसल को अपने साथ थाने ले गए। आरोप है कि थाने में फैसल की जमकर पिटाई की गई। जिससे उसकी हालत खराब हो गई।

आनन-फानन में लगभग 1 किलोमीटर दूर अस्पताल में फैसल को ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फैसल की मौत का पता चलने पर परिजनों के साथ मौहल्लावासियों में रोष उत्पन्न हो गया। जिसके चलते उन्होंने थाने पर धरना देना शुरू कर दिया। इसी बीच राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुन्ना अल्वी मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे और मृतक और उसके परिजनों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए दूरभाष के माध्यम से परिजनों की सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात कराई। 


जिन्होंने पीड़ित परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सपा मुखिया से पीड़ित परिजनों की बात होने की जानकारी मिलते ही तमाम सरकारी अधिकारी हरकत में आ गए और उन्होंने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बातचीत की। बीते दिन की लगभग अर्धरात्रि के समय दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ। जिसमें उच्च अधिकारियों ने दोनों आरोपी पुलिसकर्मी विजय चौधरी एवं सीमांत चौधरी को सस्पेंड करते हुए दोनों के खिलाफ थाने में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। पीड़ित परिजनों को सरकार से अधिक से अधिक मुआवजा दिलाने का आश्वासन देते हुए शहरी आवास योजना के अंतर्गत एक मकान और छोटा मोटा रोजगार करने के लिए जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से ऋण दिलाने और परिवार के किसी सक्षम सदस्य को किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी दिलाने की घोषणा की गई।

काफी गहमागहमी के बाद परिजनों द्वारा थाने पर दिया जा रहा धरना समाप्त कर दिया गया। इस मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य मुन्ना अल्वी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिसके चलते पीड़ित परिजनों को न्याय मिल सका। बाद में परिजनों ने भारी गमगीन माहौल के बीच कब्रिस्तान ले जाकर फैसल का शव दफना दिया।

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