सहारनपुर मंडल के ये कप्तान कार्यशैली को दे रहे हैं बेहतरीन अंजाम

तीनों पुलिस कप्तान की गिनती यूपी के चर्चित तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में होती है

Update: 2022-04-13 13:48 GMT

सहारनपुर। सहारनपुर मंडल के जनपदों में पुलिस कप्तान के पद पर तैनात आईपीएस अफसरों की बात की जाये तो सहारनपुर में वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अफसर आकाश तोमर, मुजफ्फरनगर में साल 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिषेक यादव और शामली में वर्ष 2015 बैच के आईपीएस अफसर सुकीर्ति माधव कमान संभाल रहे हैं। तीनों पुलिस कप्तान शानदार बेटिंग कर बेहतरीन कार्यशैली से अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। तथ्य यह है कि तीनों पुलिस कप्तान की गिनती यूपी के चर्चित तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में होती है।

सहारनपुर मंडल के इन तीनों पुलिस कैप्टनों ने अपनी कार्यशैली से क्राईम कंट्रोल करने के साथ मानवता की मिसाल पेश कर पब्लिक का दिल भी जीतने का काम किया है। आईपीएस अफसरों ने आते ही अपने-अपने जनपदों में अपराध के ग्राफ को नीचे की ओर ले जाने के लिये अपने-अपने फॉर्मूलों का यूज किया। सहारनपुर मंडल में इन तीनों पुलिस कप्तान की बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के चलते भारी मात्रा में अपराधियों ने थाने पहुंचकर अपराध से तौबा की। अपराधियों के साथ-साथ आईपीएस अफसरों का पुलिसकर्मी व अधिकारियों को भी मैसेज रहता है कि अगर अपराधी के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही या पब्लिक से दुर्व्यव्हार किया तो उन्हें भी बख्शा नहीं जायेगा। पुलिसकर्मी या अफसर ने कानून के नियमों में अडंगा लगाने का प्रयास किया तो फिर इन आईपीएस अफसरों ने ऐसे पुलिसकर्मी और पुलिस अफसरों की बख्शीश नहीं की है। सहारनपुर मंडल में चुनावी चुनौती भी इन आईपीएस अफसरों के सामने कम नहीं थी, लिहाजा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उन्होंने ऐसी व्यवस्थाएं बनाई कि नियमों का उल्लघंन करने के लिये कोई साहस भी नहीं जुटा सका। ये आईपीएस अफसर जितना अपराधियों के प्रति कड़क अंदाज रखते हैं, वहीं दूसरी ओर पब्लिक के प्रति इनका साधारण व्यक्ति वाला व्यवहार रहता है। यही वजह है कि इन आईपीएस अफसरों के फोटो ज्वाइंट कर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोग उनकी कार्यशैली की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

खाकी के खौफ के चलते भारी मात्रा में अपराधियों ने की अपराध से तौबा

इन तीनों आईपीएस अफसरों ने पुलिस कप्तान के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डालने का काम शुरू कर दिया था और संदेश दे दिया था कि अगर जनपद में अपराध की नाम कोई अपराधी चूं भी करेगा तो उसकी बख्शीश नहीं होगी और उसे उसके अंजाम तक पहुंचाया जायेगा, जिसके बाद अपराधियों ने खुद के सिर पर पुलिस का डर मंडाराता हुआ देख थाने में पहुंचकर भविष्य में अपराध ना करने की कसम खानी शुरू कर दी। ऊपर हाथ उठाते हुए थाने पहुंच रहे अपराधी पुलिस के सामने घुटने टेककर अपराध से तौबा करते हुए बोल रहे हैं कि भविष्य में कोई अपराध नहीं करेंगे और किसी को अपराध ना करने के लिये प्रेरित भी करेंगे क्योंकि वह अब साधारण व्यक्ति की तरह जीवन जीना चाहते हैं।

IPS अधिकारियों ने पेश की मानवता की मिसाल

सहारनपुर जनपद के एक आरक्षी की एक्ससीडेंट के बाद सोचने, समझने और बोलने की शक्ति चली गयी, जिसके परिवार की हालत भी ठीक नही थी। जब इसकी जानकारी एसएसपी आकाश तोमर को हुई तो उन्होंने बीमार आरक्षी को तत्काल अपनी ओर से 10 हजार रूपये की आर्थिक मदद भेजी और इसके साथ ही अपने अधीनस्थों से भी सिपाही की मदद के लिए धनराशि देने के लिये आह्वान किया था। इतना ही नहीं एसएसपी आकाश तोमर ने शासन को भी सिपाही की सहायता के लिये प्रस्ताव भेजा था।

उलेखनीय तथ्य यह भी है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जब ऑक्सीजन की किल्लत हुई और संक्रमित मरीज को बेड नहीं मिल रहे थे। उस वक्त महामारी का लोगों में इतना भय था कि लोग चाहकर भी एक-दूसरे की मदद करने से भी कतरा रहे थे लेकिन इस संकट के दौर में आईपीएस अफसर सुकीर्ति माधव पीडितों की मदद के लिये सोशल मीडिया पर एक्टिव मोड़ में नजर आ रहे थे। सोशल मीडिया पर मदद के लिये एसएसपी सुकीर्ति माधव का नाम ही गूंज रहा था और वह एसपी सुकीर्ति माधव अपनी जान की परवाह न करते हुए आगे आकर लोगों की सहायता की। यही वजह थी कि सोशल मीडिया पर मदद के लिये सुकीर्ति माधव का नाम ही गूंज रहा था।

मुजफ्फरनगर से नये कीर्तिमान बनाते हुए गुजरने वाली विश्व की सबसे लम्बी पैदल धार्मिक कांवड यात्रा साल 2019 में कप्तान अभिषेक यादव के स्टाइल के कारण यादगार रही। उन्होंने जनता को साथ लेकर, जनता के बीच रहकर कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती माने जाने वाली इस यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने का काम किया।

अफसरों ने कोताही बरतने वाले अधीनस्थों की नहीं की बख्शीश

तीनों आईपीएस अफसरों का अधीनस्थों को संदेश रहता है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी या पुलिस अधिकारी लापरवाही या कानूनों के नियमों में अडंगा लगाता पाया गया तो उसकी खैर नही है। जनपद सहारनपुर के भाजपा नकुड़ देहात के मंडलाध्यक्ष सुभाष चौधरी थाना कुतुबशेर की चौकी पर कार्यरत दरोगा राहुल से मिलने पहुंचे थे, जिसके बाद भाजपा नेता ने दरोगा पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। मामले की जांच के बाद एसएसपी आकाश तोमर ने दरोगा को निलम्बित कर दिया था। जनपद मुजफ्फरनगर में एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण का अभियान चलाया हुआ है। एसएसपी अभिषेक यादव ने शहर में पैदल भ्रमण किया तो महिला थाना प्रभारी ड्यूटी से गायब मिली, जिसके बाद एसएसपी अभिषेक यादव ने महिला थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया था। जनपद शामली की बिड़ौली चौकी पर पुलिस ने रेत से भरा हुआ ओवरलोड डंपर पकड़ा था। पुलिस ने वजन कराने के बाद उसमे रेत लदवाकर रवाना करा दिया था। इस मामले की जब एसपी सुकीर्ति माधव को जानकारी हुई तो उन्होंने चौकी पर तैनात दरोगा सहित पांच सिपाहियों को निलम्बित कर दिया था।

सकुशल सम्पन्न कराये चुनौतीपूर्ण चुनाव

सहारनपुर मंडल के तीन जनपदों में 16 विधानसभा सीटे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी की पार्ट-1 सरकार में सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में मंत्री थे। तीनों जिलों में पब्लिक चुनाव को सकुशल होने को इस बार अफसरों के लिये पहले से अधिक चुनौती मान रही थी क्योंकि पहले चरण के चलते सभी दलों के बड़े नेताओं का पश्चिमी यूपी पर ही फोकस था। सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के कई बड़े सियासी चेहरों के सपा में आने के बाद मुकाबला कांटे का हो गया था। जनपद शामली में भी दो विधानसभा सीटें एक कैराना, जिसे पश्चिमी यूपी की सबसे हॉट सीट मानी जा रही थी और दूसरी थानाभवन क्योंकि वहां पर भाजपा ने पूर्व काबीना मंत्री को तीसरी बार अपना प्रत्याशी घोषित किया था। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होना था, जिसमें पहले चरण में मुजफ्फरनगर, शामली और दूसरे चरण में सहारनपुर जनपद में मतदान हुआ था। सहारनपुर मंडल की सियासत में लगातार आरोप-प्रत्यारोप के चलते लोग चुनाव सकुशल सम्पन्न कराना अफसरों के लिये चुनौती थी। इस चुनौती को स्वीकारते हुए आईपीएस अफसरों ने अपनी सूझबूझ से होमवर्क करते हुए मतदान केन्द्रों पर इस तरह से व्यवस्थाएं बनाई कि कोई भी मतदान केन्द्र पर गड़बड़ी करने का साहस ना जुटा सके। अफसर सवेरे ही घर से निकलकर मतदान सम्पन्न होने तक बूथ स्थलों का निरंतर निरीक्षण करते रहे। दोनों अफसर तब तब दौड़ते रहे जब तक मतदान पूर्ण नहीं हुआ। तीनों अफसरों ने अपने अधीनस्थों को अलर्ट मोड़ में किया हुआ था, जिनकी चप्पे-चप्पे पर नजर थी कि कहीं पर भीड़ तो नहीं हो रही है, कहीं फर्जी वोटिंग तो नहीं हो रही है। ऐसे ही इन तीनों आईपीएस अफसरों ने हाल ही में हुए एमएलसी चुनाव को भी सम्पन्न कराया है। कहना गलत ना होगा कि तीनों ही अफसरों की कार्यप्रणाली वास्तव में ही काबीले-तारीफ है। जनपद में शांतिपूर्ण मतदान होने से पब्लिक दोनों अफसरों की कार्यप्रणाली को देखकर उनकी प्रशंसा की। 

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