डकैतों के घरों में सीढ़ी लगाकर घुसने वाला IPS अफसर बना इस जिले का कप्तान

उनके दबिश देने के नये तरीके का नतीजा रहा कि कई कुख्यात डकैत पुलिस के हत्थें चढ़ गये थे।

Update: 2024-06-28 14:21 GMT

फर्रूखाबाद। तेजतर्रार आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी ने अपनी पुलिस सर्विस में बदमाशों के खिलाफ सख्त अभियान हमेशा जारी रखा। डिप्टी एसपी से शुरू हुई उनकी सर्विस अब आईपीएस अफसर तक आ पहुंची है। आईपीएस अफसर बनने के बाद आलोक प्रियदर्शी कई जिलों में कप्तान के रूप में कार्य कर चुके हैं। विभिन्न जनपदों में अपराधियों को सबक सिखाने वाले आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी बदायूं जिले के कप्तान के रूप में पुलिसिंग कर रहे थे, आज शासन ने उनका तबादला करते हुए फर्रूखाबाद जिले के पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी दी है। फर्रूखाबाद के नये पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट...

मुजफ्फरनगर में आलोक प्रियदर्शी जब सीओ सिटी का कार्यभार संभाल रहे थे तो शहर कोतवाली के खालापार मौहल्लें में सीढ़ी लगाकर डकैती डालने वाले गैंग के कई सदस्य रहते थे। पुलिस उनके यहां दबिश देती थी तो वह छत के रास्ते से भाग जाते थे। बदमाशों की इस कारगुजारी को जानकर सीओ आलोक प्रियदर्शी ने भी पुलिस बल के साथ सीढ़ी भी लेकर चलने लगे थे और उनके दबिश देने के नये तरीके का नतीजा रहा कि कई कुख्यात डकैत पुलिस के हत्थें चढ़ गये थे।


आलोक प्रियदर्शी ने बिहार के पटना में 23 अगस्त 1966 को ब्रज मोहन प्रसाद के परिवार में जन्म लिया। आलोक प्रियदर्शी की प्रारंभिक शिक्षा भी बिहार में ही हुई। आलोक प्रियदर्शी ने मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री करने के बाद मास्टर ऑफ फिलॉसफी भी की हैं। आलोक प्रियदर्शी का उत्तर प्रदेश की राज्य पुलिस सेवा में 1991 में चयन हो गया। आलोक प्रियदर्शी पीपीएस अफसर बनने के बाद कई जनपदों में तैनात रहे। आलोक प्रियदर्शी 2007 में जनपद मेरठ में क्षेत्रधिकारी के पद पर तैनात रहे। आलोक प्रियदर्शी जनपद मुजफ्फरनगर के एसपी देहात के पद पर मुकर्रर रहे।

पीपीएस आलोक प्रियदर्शी को शासन ने जनपद मेरठ में 22 अक्टूबर 2016 को एसपी सिटी के पद पर भेजा था। पीपीएस अफसर आलोक कुमार ने जनपद मेरठ के एसपी सिटी के पद पर रहते हुए जनपद के थाना नौचंदी क्षेत्र में नये साल से एक दिन पहले गणपति प्रकाशन के मालिक अभय रस्तोगी के घर में डकैती कर लाखों का माल लूट ले जाने वाले गैंग का खुलासा कर दिया था।

उसके बाद पीपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी का वर्ष 2018 में आईपीएस में प्रमोशन हो गया था। प्रमोशन के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसपी के पद पर तैनात किया गया। एसपी के पद पर रहते हुए भी एसपी एसटीएफ आलोक कुमार के नेतृत्व में लखनऊ एसटीएफ की टीम ने संडीला रेलवे स्टेशन के निकट आजमगढ़ के शातिरों को असलहा सप्लाई करने आए पांच लोगों को गिरफ्तार किया और पुलिस ने अपराधियों के कब्जे से 23 पिस्टल और 23 मैगजीन बरामद की थी।

आलोक प्रियदर्शी ने कई जनपदों में अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी कमर तोड़ने का काम किया। पीपीएस अफसर के रूप में लगभग 27 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद शासन ने उनको प्रमोशन दे दिया। आलोक प्रियदर्शी पीपीएस अफसर के रूप में कार्य करने के बाद 2018 बैच के आईपीएस अफसर बन गये। आईपीएस आलोक प्रियदर्शी को शासन ने प्रमोशन के कुछ दिन बाद ही 22 अगस्त 2018 को हरदोई के पुलिस कप्तान की कमान सौंप दी थी। हरदोई के अलावा आईपीएस आलोक प्रियदर्शी अम्बेडकरनगर, रायबरेली, बदायूं जैसे जिलों की भी कमान संभाल चुके हैं।


जब आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी हरदोई के पुलिस कप्तान के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे। उस दौरान हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश माहौल था। हर कोई इस घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा की बात कर रहा था, इस बीच सोशल मीडिया पर एक आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी का वीडियो वायरल हो रहा था। उस वीडियो में तत्कालीन एसपी आलोक प्रियदर्शी रात में सड़क पर अकेली जा रही लड़की की मदद करते नजर आ रहे थे। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को देख तत्कालीन एसपी आलोक प्रियदर्शी की खूब तारीफ कर रहे थे।

उसके बाद शासन ने आईपीएस आलोक प्रियदर्शी को 3 दिसम्बर 2019 को अम्बेड़कर नगर के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया था। इस दौरान माफिया खान मुबारक पर धारा-14 (1) उत्तर प्रदेश गैंगेस्टर एक्ट अधिनियम की कार्यवाही का आदेश जारी हुआ था जिसके अनुपालन के क्रम में माफिया खान मुबारक ने अपराध के पैसों से अर्जित की गई अवैध सम्पत्ति को आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी ने माफिया खान मुबारक का थानाक्षेत्र हंसवर ग्राम हरसंभार में मेन रोड पर स्थित सवा करोड़ का मकान ध्वस्त किया था। इसके अलावा 23 सितंबर 2020 को ग्राम थाना हंसवर में स्थित पौने दो एकड़ जमीन (अनुमानित मूल्य 72 लाख रुपये) मे लगी फसल जिसका अनुमानित मूल्य 1 लाख रुपये उसे टैक्टर के द्वारा नष्ट किया गया व जमीन पर सरकारी कब्जा किया गया। दिनांक 22 सितंबर 2020 को हंसवर बाजार स्थित काम्पलेक्स जिसमें 20 दुकाने थी जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ 40 लाख उसे ध्वस्त किया था। माफिया खान मुबारक के विरुद्ध प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 35 मुकदमें दर्ज हैं। इससे पहले भी लगभग पाँच करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति जब्त की गई थी व माफिया खान मुबारक के साथी परवेज पुत्र सुबराती जो कि एक लाख रुपये का इनामियाँ व रूबीना पत्नी परवेज पर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित है जिनकी लगभग पचास लाख रुपये की सम्पत्ति जब्त की गई थी।


शासन ने आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी का अम्बेडकरनगर में हुई पोस्टिंग के दौरान चंद दिनों बाद ही थाना डलमऊ इलाके में करीब छह कुंतल गांजा के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की थी, जिस गांजे की कीमत छह करोड़ रुपये थी।

आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी बदायूं जिले की कमान संभाले हुए थे। शासन ने आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी का ट्रांसफर करते हुए उन्हें अब फर्रूखाबाद जिले का पुलिस कप्तान बनाया है।

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