महापंचायतः कमिश्नर-DIG ने संभाली कमान, व्यवस्थाओं में लगे चार चांद

कोहरे व ठंड की परवाह न करते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य पथ पर अड़िग रहे और पल-पल की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देते रहे।

Update: 2021-01-29 16:04 GMT

मुजफ्फरनगर। कमिश्नर एवी राजमौलि व डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल के दिशा-निर्देशन में डीएम व पुलिस कप्तान ने जिस तरह से चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की, उसी का परिणाम है कि महापंचायत शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गई। चप्पे-चप्पे पर जहां पुलिस बल को तैनात किया गया था, वहीं पंचायत में आने वाले किसानों के लिए रूट डायवर्ट कर दिया गया था। कोहरे व ठंड की परवाह न करते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य पथ पर अड़िग रहे और पल-पल की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देते रहे।

किसानों की राजकीय इंटर काॅलेज में होने वाली महापंचायत में उमड़ने वाले हुजूम का शायद पुलिस प्रशासन को पहले से ही अंदाजा था। इसी के चलते कमिश्नर और डीआईजी ने नगर में डेरा डाल लिया था और कमान अपने हाथ में ले ली थी। पुलिस-प्रशासन ने ऐसी व्यवस्थाएं आनन-फानन में न सिर्फ तैयार की, वरन उन्हें अमलीजामा भी पहनाया, जिसके कारण कहीं भी किसी प्रकार की खलल महापंचायत में नहीं हुई।


कमिश्नर एवी राजमौलि व डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल के दिशा-निर्देशन में महापंचायत शुरू होने से पूर्व ही डीएम सेल्वा कुमारी जे. व एसएसपी अभिषेक के निर्देशन में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यवस्थाओं को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया था। नगर के कोने-कोने पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था। कोहरे और कड़कड़ाती ठंड के बीच जैसे-जैसे महापंचायत में किसान आने शुरू हुए, तो पुलिस कर्मियों ने ट्रैफिक को रोककर पहले किसानों को निकाला। इससे न तो किसानों को ही कोई दिक्कत हुई है और न ही कहीं भी विवाद की स्थिति बन सकी।

पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी को अंजाम देने के लिए कड़कड़ाती ठंड में मुस्तैद खड़े दिखाई दिये। वहीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए दिखाई दिये। महापंचायत के दौरान राजकीय इंटर काॅलेज के चारों ओर पुलिस बल को सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किया गया था।

पुलिस प्रशासन कितना मुस्तैद था, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब एसएसपी को जानकारी मिली कि महापंचायत में कुछ पियक्कड़ घुस गये हैं, तो उन्होंने तुरंत शराब के ठेके को बंद कर दिया। यह उनका बहुत ही उचित निर्णय था, जिसके कारण हंगामे की स्थिति बनने से पहले ही समाप्त हो गई। जाहिर सी बात है कि यदि शराब का ठेका खुलता, तो कुछ लोग शराब पीकर महापंचायत में आते, जो बखेड़ा भी खड़ा कर सकते थे, लेकिन एसएसपी अभिषेक यादव ने उन कारणों को ही समाप्त कर दिया, जिससे कि ऐसा कुछ हो सकता था।


यही नहीं, महापंचायत की निगरानी लगातार ड्रोन से कराई जा रही थी। पल-पल की घटना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की नजर थी। जैसे-जैसे किसान नेता व राजनीतिक दलों के दिग्गज महापंचायत में अपने समर्थकों के साथ प्रतिभाग करने के लिए आ रहे थे, तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें आने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए समय-समय पर रुट डायवर्ट कराया जाता रहा।

कुल मिलाकर यहीं कहना सबसे उपयुक्त होगा कि पुलिस-प्रशासन की दूरगामी रणनीति और व्यवस्थाओं में चार चांद लगने के कारण महापंचायत शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गई। कमिश्नर व डीआईजी के निर्देशन में व्यवस्थाओं को जिस सूझबूझ के साथ अमलीजामा पहनाया गया, वह काबिले तारीफ है। इसके साथ ही पल-पल की खबर शासन को भी भेजी जाती रही। खुफिया विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट रहा। एसपी क्राईम दुर्गेश कुमार सिंह, एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय, एसपी देहात अतुल कुमार श्रीवास्तव, एडीएम ई अमित कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार, सीओ सिटी कुलदीप कुमार लगातार महापंचायत पर नजर बनाये रहे।



 



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