भ्रष्टाचार पर SSP का प्रहार- रिश्वतखोर दो सिपाही किए सस्पेंड
रिश्वत लेने के आरोपी सिपाही धर्मेंद्र सिंह एवं उर्दू अनुवादक मोहम्मद इस्लाम को सस्पेंड कर दिया है
मेरठ। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने एक सिपाही एवं एक उर्दू अनुवादक द्वारा पासपोर्ट की जांच में रिश्वत लेने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उर्दू अनुवादक एवं सिपाही को सस्पेंड किए जाने का फरमान जारी कर दिया है।
शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत भ्रष्टाचार के ऊपर करारा प्रहार करते हुए पासपोर्ट की जांच में 500 रूपये की रिश्वत लेने के आरोपी सिपाही धर्मेंद्र सिंह एवं उर्दू अनुवादक मोहम्मद इस्लाम को सस्पेंड कर दिया है। रिश्वत लेने के आरोप में सस्पेंड किया गया सिपाही धर्मेंद्र सिंह जनपद मेरठ के किठौर थाने में तैनात हैं जबकि निलंबित किए गए उर्दू अनुवादक मोहम्मद इस्लाम की तैनाती फ़िलहाल परीक्षितगढ़ थाने में चल रही थी।
पासपोर्ट की जांच में 500 रूपये की रिश्वत लेने का मामला उस समय सामने आया जब पीड़ित ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए ट्विटर पर ट्वीट करते हुए पूछा था कि क्या पासपोर्ट की जांच में दी जाती है धनराशि?
भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक देहात केशव कुमार को सौंपी थी। जिसमें रिश्वत का आरोप सही पाया गया। जिसके चलते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दोनों को निलंबित किए जाने का फरमान जारी कर दिया है।