लोगों के गुस्से को भांप रेपिस्टो की सिफारिश को गए भाकियू नेता टोपी रख खिसके

भाकियू नेताओं को लोगों के गुस्से को देख अपने सिर से हरी टोपी उतारकर उसे जेब में रखकर थाने से खिसकने को मजबूर होना पड़ा

Update: 2022-06-30 13:14 GMT

रुड़की। लिफ्ट देकर चलती कार में महिला और उसकी 5 वर्षीय बेटी को रेप का शिकार बनाने वाले बलात्कारियों की सिफारिश को पहुंचे भाकियू नेताओं को लोगों के गुस्से को देख अपने सिर से हरी टोपी उतारकर उसे जेब में रखकर थाने से खिसकने को मजबूर होना पड़ा। उधर मां के साथ उसकी अबोध बेटी को अपनी हवस को शिकार बनाने वाले भाकियू नेताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाते हुए रेपिस्टों की करतूत से अपना पल्ला झाड लिया है।

दरअसल रुड़की की थाना सिविल लाइन पुलिस ने इसी महीने की 25 जून को मुस्लिम धार्मिक स्थल पिरान कलियर के वापस लौट रही महिला और उसकी 5 वर्षीय बेटी के साथ चलती कार में बलात्कार की घटना को अंजाम देने के आरोप में जनपद मुजफ्फरनगर के ग्राम वहलना निवासी सुबोध काकरान तथा ब्लॉक मोरना के गांव बेलडा निवासी राजीव उर्फ विक्की तोमर पुत्र देवेंद्र कुमार के साथ सोनू पुत्र तेजपाल सिंह निवासी शाहपुर थाना देवबंद, जगदीश पुत्र स्वर्गीय फूल सिंह निवासी शाहपुर थाना देवबंद समेत पांच रेपिस्टों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बलात्कार की घटना में इस्तेमाल की गई कार और बाईक भी सीसीटीवी कैमरों की सहायता के बाद रेपिस्टों से बरामद करते हुए अपने कब्जे में ले ली थी।

जनपद मुजफ्फरनगर के राजीव उर्फ विक्की तोमर पुत्र देवेंद्र कुमार निवासी बेलडा थाना भोपा तथा सुबोध काकरान भारतीय किसान यूनियन से जुड़े हुए थे। बलात्कारियों में शामिल दोनों भाकियू कार्यकर्ताओं के पुलिस द्वारा पकड़े जाने की जानकारी जब भारतीय किसान यूनियन के बड़े पदाधिकारियों को हुई तो वह बलात्कारियों को छुड़ाने की कोशिश करने के लिए थाने पहुंच गए।

बताया जा रहा है कि थाने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने जब पुलिस से संगठन को रौब दिखाते हुए बलात्कारियों को छोड़े जाने की सिफारिश की तो पुलिस ने थाने के बाहर मौजूद पब्लिक की ओर इशारा करते हुए कहा कि बलात्कार की घटना को लेकर यहां के लोग बहुत ही गुस्से में हैं। बलात्कारियों को बड़ी सजा दिलाने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा यहां पर कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं। ऐसे हालातों के बीच यदि आप लोग उनकी निगाह चढ गए तो वह पता नहीं तुम्हारा क्या हाल कर देंगे।

पुलिस की इस दो टूक बात को सुनकर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी का दंभ भरते हुए थाने पहुंचे भाकियू नेताओं की सिटटी पिटटी गुम हो गई। भाकियू पदाधिकारी बलात्कारियों की सिफारिश करना तो भूल गए और अपनी जान की खैर मनाते हुए सिर पर सजाई हरी टोपी उन्होंने सहज में उतारकर अपनी जेब में रख ली और थाने से मौका देखते ही बाहर की तरफ खिसक लिए।

उधर भारतीय किसान यूनियन के सहारनपुर मंडल अध्यक्ष नवीन राठी ने बलात्कार के आरोप में रुड़की के थाना सिविल लाइन में पकड़े गए भारतीय किसान यूनियन के दोनों पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से संगठन से बाहर का रास्ता दिखाते हुए दोनों की घिनौनी करतूत से अपना पल्ला झाड़ लिया है।

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